साहित्य लहर

कविता : उतार-चढाव

सुनील कुमार माथुर

जिन्दगी में उतार – चढाव आते ही रहते है
ऐसे में तनिक भी न घबराये
कभी लाभ होता हैं तो कभी हानि
कभी सफलता मिलती है तो कभी असफलता
कभी नफा होता हैं तो कभी नुकसान
जीवन में उतार – चढाव आते ही रहते है
सभी दिन एक जैसे नहीं होते है
यह बातें तो जीवन में चलती ही रहती हैं लेकिन
ऐसी परिस्थिति में तनिक भी न घबराये
हमेशा हौसला बुलंद रखें और
नई ऊर्जा और उमंग के साथ कार्य करें व आगें बढें
तभी आप सफलता की सीढियां चढ पायेंगे
जिन्दगी में उतार – चढाव आते ही रहते है
ऐसे में तनिक भी न घबराये अपितु
आत्मविश्वास को बनायें रखें
आपका आत्मविश्वास ही
आपको परेशानियों से मुक्ति दिला पायेगा
तभी तो कहा गया है कि
जहां चाह है वही राह हैं
अगर जीवन में बाधाएं न आयेंगी तो
हम उन बाधाओं को कैसे पार कर पायेंगे
हर परिस्थिति में समान रहिए
सफलता अवश्य ही मिलेगी जैसे
अंधकार के बाद प्रकाश
दुःख के बाद सुख
हताशा व निराशा के बाद
खुशियां अवश्य ही आती हैं चूंकि
सदैव दिन एक से नहीं रहते है
आनंदमय जीवन जीना हैं तो
सदैव हंसते – मुस्कुराते रहिए
दूसरों की भावनाओं का भी ध्यान रखे
कभी भी कोई ऐसा कृत्य न करें
जिससे दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचे
जिन्दगी में उतार – चढाव आते ही रहते है
इसलिए घबराये नहीं वरन् हिम्मत से काम ले

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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