कविता : विश्व एक परिवार

कविता : विश्व एक परिवार, विश्व प्रगति हो आसान, मूल मंत्र है मोदी की, पूरे विश्व में है पहचान। कठिन परिश्रम धोर लाभ, यही तो है कर्म की राह, गीता कुरान वाईवल रामायण, आज मंचो पर है विराजमान। मानव कल्याण ही मूल सेवा… #आशुतोष, पटना (बिहार)
वसुधैव कुटुम्बकम
का भारत
जाना जाता नाम से
दे रहा विश्व संदेश
पहचान बनाता काम से।।
भव्य मनोरम सभ्य समाज
बनता नही अभिमान से
दिव्य शक्ति दूर दृष्टि
जो रखता है काम से।।
विश्व एक परिवार है
आज सभी देश जान लें
अपनी अपनी सोच से
विश्व शांति में योगदान दें।।
देश बढे विदेश बढे
विश्व प्रगति हो आसान
मूल मंत्र है मोदी की
पूरे विश्व में है पहचान ।।
कठिन परिश्रम धोर लाभ
यही तो है कर्म की राह
गीता कुरान वाईवल रामायण
आज मंचो पर है विराजमान।।
मानव कल्याण ही मूल सेवा
सही राजनीतिकज्ञ की पहचान
लिख रहा आज दिल्ली इतिहास
कपट राजनीतिकज्ञ उड़ाना ना उपहास ।।
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