कविता : प्रेम व स्नेह की ज्योति

कविता : प्रेम व स्नेह की ज्योति… पूरे घर में रोशनी कर देता हैं ठीक उसी प्रकार बेटियां पूरे घर को एकता के सूत्र में बांधे रखती हैं तभी तो बेटियां जिस घर में जाती हैं उसी का घर जगमगाता हैं वैसे भी बेटियां कुदरत का उपहार है इसलिए इन्हें… #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
किसी साहित्य प्रेमी ने
कितनी सुन्दर पंक्तियां लिखी हैं
बेटियां दीये की तरह होती हैं
शादी करके जो वर उन्हें ले जाता हैं
उसी का घर जगमगाता हैं चूंकि
बेटियां दीये की तरह होती हैं
जिस घर में वह रहती है
उस घर में प्रेम व स्नेह की ज्योति जलती हैं
करूणा रूपी लौ जगमगाती हैं
ममता रूपी बाती जलती हैं तभी तो
वात्सल्य रूपी ज्योति जगमगाती हैं
बेटियां दीये की तरह होती हैं चूंकि
जिस तरह से एक दीपक
पूरे घर में रोशनी कर देता हैं
ठीक उसी प्रकार बेटियां
पूरे घर को एकता के सूत्र में बांधे रखती हैं
तभी तो
बेटियां जिस घर में जाती हैं
उसी का घर जगमगाता हैं
वैसे भी बेटियां कुदरत का उपहार है
इसलिए इन्हें
शिक्षा और दुलार दीजिए