
✍️ डॉ. सत्यवान सौरभ
आन-बान थे देश की,
उधम सिंह सरदार।
‘सौरभ’ श्रद्धा सुमन रख,
उन्हें नमन शत बार।।
वैशाखी की क्रूरता,
लिए रहे बेचैन।
ओ डायर को मारकर,
मिला हृदय को चैन।।
बर्बरता को नोचकर,
कर ओ डायर ढेर।
लन्दन में दहाड़ उठा,
भारत का ये शेर।।
बच्चा-बच्चा अब बने,
उधम सिंह सरदार।
दुश्मनों के पर कटे,
काँप उठे गद्दार।।
बसंती चोला रंग दे,
गाए सब इंकलाब।
गाथा वीरों की गढ़े,
रचे गीत नायाब।।
उधम जैसे शहीद सब,
वार गए जो शीश।
याद उन्हें हम सब रखें,
यही हमारे ईश।।
डॉo सत्यवान सौरभ,
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट, 333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा