साहित्य लहर
कविता : चिड़िया रानी, बड़ी सयानी

सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
चिड़िया रानी, बड़ी सयानी,
सवेरे जल्दी उठकर
वह हमें समय का ज्ञान कराती,
वह हमें समय की महत्ता समझाती।
बड़े सवेरे जल्दी उठकर,
हमें दुनियादारी का पाठ पढ़ाती।
स्वयं समय पर अपने
बच्चों को दाना-पानी कराती है।
फिर
स्वयं काम पर लगकर,
तिनके, धागा, घास-फूस लाकर,
वह अपने नीड़ (घर) का
नव-निर्माण करती।
बच्चों को समय देकर,
उन्हें उड़ना सिखाती है,
आज़ाद जीवन जीने की
उन्हें कला समझाती है।
चिड़िया रानी बड़ी सयानी,
सवेरे जल्दी उठकर
वह हमें समय का ज्ञान कराती।
समय बड़ा बलवान है,
समय का जो सम्मान करता है,
समय उसका ही ख़्याल रखता है।
चीं चीं चीं ……… कर,
वह हमें श्रम का पाठ पढ़ाती है।
चिड़िया रानी बड़ी सयानी,
सवेरे जल्दी उठकर
वह हमें समय का ज्ञान कराती।