कविता : नमामि गंगे
कविता : नमामि गंगे, समर्पित प्रयास रंग लाएगा, घर -घर में एक दिन गूंज उठेगा जीवन धारा नमामि गंगे, नमामि गंगे हम बिहार के गंगा सेवक -साधक मां की सेवा में हैं समर्पित, उषा दीदी के स्नेहिल सानिध्य में जीवन धारा नमामि गंगे, नमामि गंगे #डॉ उषाकिरण श्रीवास्तव
सत्य सनातन की धरती पर
गंगा मां कल-कल करती,
भागीरथ के तप का फल है
जीवन धारा नमामि गंगे, नमामि गंगे।
प्रयाग राज के पावन तट पर
गूंज रहा हर -हर गंगे,
श्रद्धालुओं के असंख्य भीड़ में
जीवन धारा नमामि गंगे, नमामि गंगे।
हरिओम जी सत्येन्द्र पाठक जी का
समर्पित प्रयास रंग लाएगा,
घर -घर में एक दिन गूंज उठेगा
जीवन धारा नमामि गंगे, नमामि गंगे
हम बिहार के गंगा सेवक -साधक
मां की सेवा में हैं समर्पित,
उषा दीदी के स्नेहिल सानिध्य में
जीवन धारा नमामि गंगे, नमामि गंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्याध्यक्ष
जीवन धारा नमामि गंगे, बिहार।