कविता : मैं कहीं जाना चाहता हूं
कविता : मैं कहीं जाना चाहता हूं, फिर उस कविता को बार- बार सुनना चाहता हूं! तुम्हारी लफ्जों से, फिर उसे मैं बनारस की गलियों में छोर दूंगा! ताकि जब जब उपन्यासों में बनारस की गलियों की चर्चा हो तो लोग तुम्हारी आवाजों को महसूस करें। हमेशा हमेशा के लिए। #इमरान
मैं कहीं जाना चाहता हूं ,
बनारस जैसे शहर में,
तुम्हें ढूंढना चाहता हूं।
मुंबई जैसे शहर में,
तुम्हें सोचना चाहता हूं,
हर जगह ,हर पल, हर दिन
फिर एक कविता लिखना
चाहता हूं।
तुम्हें देखे बिना ,
तुम्हें छुए बिना ,
तुम्हें महसूस किए बिना
फिर उस कविता को बार- बार
सुनना चाहता हूं!
तुम्हारी लफ्जों से,
फिर उसे मैं बनारस की
गलियों में छोर दूंगा!
ताकि जब जब उपन्यासों में बनारस की गलियों की चर्चा हो तो लोग तुम्हारी आवाजों को महसूस करें।
हमेशा हमेशा के लिए।
नाम : इमरान
जन्म स्थान : बेगुसराय, बिहार
जन्म दिन : 26 जून 2004
शिक्षा : स्नातक, ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से
संपर्क : mdimranr775@gmail.com
- इमरान एक स्नातक के स्टूडेंट होने के साथ साथ कहानी, कविता इत्यादि भी लिख रहे हैं। एक युवा कवि हैं।
- इमरान का जन्म बिहार के जिला बेगूसराय में 19 जून सन 2004 को हुआ।
- इमरान को यात्रा करना, पुराने गाने,फिल्में,रेडियो सुनने और किताबें पढ़ने का बहुत शौक है और इन्हें गांव से बहुत लगाव है और पहाड़ों से इश्क है।
- इमरान की प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से हुई.
- इमरान 16 वर्ष की आयु में पहला प्रेम कविता पढ़ा था और उस समय से ही इन्हें प्रेम कविता लिखने का शौक हुआ।
- इमरान का रचना अक्सर बड़े बड़े पेजों पर प्रकाशित होते रहता है।
- जैसे की, हिंदीनामा, Hindi kmuniti, हौसला , कविता मंच, कलमशाला, जैसे और बड़े बड़े पेजों पर प्रकाशित होते रहता है।
- इमरान के लेखन से माटी की सौंधी खुशबू आती है।
- उनका विषय प्रेम है और अधिकतर किसी को संबोधित करते हुए रची गयी है, जैसे कि अपनी बात किसी व्यक्ति प्रेमिक तक पहुंचाने की कोशिश की गई हो।
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