कविता : हरितालिका तीज
सुनील कुमार
हरितालिका तीज आया रे
संग अपने खुशियां लाया रे
देख प्रकृति की छटा निराली
तन-मन मेरा हर्षाया रे
हरितालिका तीज आया रे।
बागों में देखो पड़ गए झूले
गाएं सखियां खुशी से झूमें
देख उन्हें मन मेरा ललचाया रे
हरितालिका तीज आया रे।
धरती ने ओढ़ी धानी चूनर
अम्बर ने अमृत बरसाया रे
हरितालिका तीज आया रे।
हाथों में मेहंदी बालों में गजरा
पैरों में महावर सजाया रे
चूड़ियों की खन-खन ने
मधुर संगीत सुनाया रे
हरितालिका तीज आया रे।
शिव-पार्वती का पूजन कर
अखंड सौभाग्य सुख पाया रे
सावन का यह पर्व अनोखा
संग अपने खुशियां लाया रे
हरितालिका तीज आया रे।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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