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साहित्य लहर

कविता : बुरी आदतों का त्याग करें

सुनील कुमार माथुर

हे मानव ! यह जीवन बडा अनमोल है
जीवन का हर पल खुशियों के संग जी

अपनी तमाम बुरी आदतों का त्याग करें और
सादा जीवन और उच्च विचारों के संग
मस्त जीवन जीने का आनंद ले

अपनों की बातों से मन को दुःखी मत कर
अपनें ही अपने भले की कहतें है अतः
नई जिम्मेदारियों के संग तू
अपनों की बातों को मान ले

हर जगह अपनी मनमर्जी मत कर
समझदारी से काम ले चूंकि
जल्दबाजी में गलती मत कर
बडों की बात मान ले और
बुरी आदतों का त्याग करें

अपनी समझ से कार्य करतें जायें
आपनी बातों और व्यवहार से
सभी को अपना बना लीजिये
अपने ईष्ट पर भरोसा रखें और
समय रहते जरूरी कार्य पूर्ण करें

शांत रहे , अपने क्रोध और
वाणी पर नियंत्रण रखें
अपने सही समय का इंतजार करें और
बुरी आदतों का त्याग करें
समय का सद् उपयोग करें
अच्छा बोले व अच्छा सोचें
अच्छा साहित्य पढें

दूसरों की आलोचना न तो करें और
न ही किसी की आलोचना सुनें
हर हाल में मस्त रहें और
बुरी आदतों का त्याग करें
यह संसार तो एक उपवन है जहां
आनंद की खुशबू को चारों ओर
महकने दीजिए

इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है
आता हैं वो जाता हैं
बनता हैं वह बिखरता भी हैं
जिसका निर्माण होता हैं वह
खंडित भी होता हैं
जीवन में सुख-दुःख
सदैव लगा ही रहता हैं
एक आता हैं तो दूसरा
स्वतः ही चला जाता हैं

हें मानव ! यह जीवन बडा अनमोल है
जीवन का हर पल खुशियों के संग जी


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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From »

सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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