
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
सवेरे-सवेरे मैं बालकानी में
मैं अखबार लेने गया
तभी मैं बालकानी के नीचे
क्या देखता हूं कि
सब्जियां आपस में झगड़ रहीं हैं
गवार फली और भिण्डी को टिंडी
खरी खोटी सुना रही थी
बीच-बीच में हरी मिर्च
आग में घी डालने का काम कर रही थी
तभी टमाटर बीच बचाव को आया
यह बात आलू और लोकी को नही भायी
उन्होंने टमाटर को जो खींच कर दिया कि
टमाटर वहीं चारों कोना चीत हो गया
अदरक व धनिया दूर खड़े खड़े
सब्जियों के बीच हो रहा हंगामा देख रहे थे
वे इस बात पर इतरा रहे थे कि
हम सबसे मंहगे हैं फिर भी
जनता-जनार्दन बिना मोल भाव किये
हमें धड़ाधड़ खरीद रहे हैं
सब्जी मंडी में बिचौलियों ने आकर
सब्जियों के दाम बढ़ा दिये और
सब्जियों के बीच में जो प्रेम और स्नेह था
जो भाईचारा की भावना थी
उसे सदा सदा के लिए खत्म कर दिया
सब्जियों के बीच फूट डाल कर
वे अपनी रोटियां सेंक रहे हैं।
Nice