कविता : बंधु-भावना
कविता : बंधु-भावना, लिंग-भेद हम बीच न होगा जाति-धर्म का भेद न होगा जन के लिए समर्पित हम सब हित का कहीं विभेद न होगा। बंधु-भावना है हितकारी जन-जन के हित मंगलकारी यथा सामर्थ्य देश-सेवा… # सुख नन्दन ऐडवोकेट, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश
हम सब बच्चे भाई-भाई
नया जमाना, नई कमाई
हाथ लिखेंगे साथ पढ़ेंगे
खेल-कूद कर साथ बढ़ेंगे।
लिंग-भेद हम बीच न होगा
जाति-धर्म का भेद न होगा
जन के लिए समर्पित हम सब
हित का कहीं विभेद न होगा।
बंधु-भावना है हितकारी
जन-जन के हित मंगलकारी
यथा सामर्थ्य देश-सेवा हो
मानवता के हित शुभकारी।
पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन कितना जरूरी…?
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