
सुनील कुमार माथुर
स्वतंत्र लेखक व पत्रकार, जोधपुर, राजस्थान
मेरे नाम का पहला अक्षर
देखने में है पर सुनने में नहीं।
मेरे नाम का दूसरा अक्षर
वन में है पर जंगल में नहीं।
मेरे नाम का तीसरा अक्षर
भूल में है पर सुधार में नहीं।
मेरे नाम का चौथा अक्षर
मिट्टी में है पर राख में नहीं।
मेरे नाम का पांचवां अक्षर
सब्जी में है लेकिन अचार में नहीं।
मेरे नाम का छठा अक्षर
माता में है पर पिता में नहीं।
मेरे नाम का सातवां अक्षर
चाचा में है पर मामा में नहीं।
मेरे नाम का अंतिम अक्षर
रहीम में है पर शंकर में नहीं।
बताओ तो बताओ
मैं कौन हूं?
(उत्तर — देवभूमि समाचार)
Nice
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