साहित्य लहर
कविता : खूबसूरत लड़कियां

कविता : खूबसूरत लड़कियां, सुख के तमाम साधनों के बीच खूबसूरत लड़कियों की आवाजाही यहां रात दिन चलती रहती गर्मी के मौसम में गॉगल्स से लड़कियां सबको देखतीं वे किसी झरोखे पर खड़ी नहीं होती #राजीव कुमार झा
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अमीरों के सेक्स का
कारोबार
फाइव स्टार होटलों में
बिल्कुल निरापद होता
वहां शाम में
चकलाघरों की तरह से
पुलिस कमरे कमरे
झांककर
औरतों लड़कियों
ग्राहकों दलालों को
ढूंढती नजर नहीं आती
यहां अपह्त
लड़कियों की
खरीद फरोख्त भी
नहीं होती
भोग विलास ऐश्वर्या
सुख के
तमाम साधनों के बीच
खूबसूरत लड़कियों की
आवाजाही
यहां रात दिन
चलती रहती
गर्मी के मौसम में
गॉगल्स से लड़कियां
सबको देखतीं
वे किसी झरोखे पर
खड़ी नहीं होती