बाराचट्टी रेंजर को नहीं ले जाने दिया पौधा, वापस लौटे रेंजर
अर्जुन केशरी
गया, बिहार। गया जिले के डोभी प्रखंड अंतर्गत कुशाबीजा पंचायत स्थित पिपरघट्टी नर्सरी में काम कर रहे आठ मजदूरों को लगभग 18 महीने से नहीं मिल रहा हैं मजदूरी।मजदूरों का कहना है कि प्रति मजदूर मजदूरी की बकाया रकम लगभग डेढ़ लाख हो गया हैं।
उसके बाबजूद भी मजदूरी नहीं मिल रही है। मजदूरों का कहना है की हमलोग कहां जाएं, हम लोग को खाने के लिए सोचना पड़ रहा है। दूसरे से पैसा उधार लेते लेते ज्यादा कर्ज में डूब गए है। चार मजदूरों को काम से हटा दिया गया हैं।
रेंजर साहब से बातचीत करने पर रेंजर साहब नर्सरी को बंद कर दिए, पौधे का उठाव होना बंद हो गया। उसके बावजूद भी हमलोग लगातार पौधे की देखभाल तेज धुप में भी करते रहे ।उसके बावजूद भी हमलोग को मजदूरी नहीं मिल रही हैं।
इस लिए पौधे को नहीं ले जाने दिया गया। उधर बाराचट्टी रेंजर स्वामी विवेकानंद का कहना है की ये पौधे जीविका का हैं। इन लोगों का इन पौधो पर कोई अधिकार नहीं है।
मजदूरों का कहना है कि जब तक हम लोगों का मजदूरी नहीं दिया जाएगा तब तक हम लोग पौधे का उठाव नहीं होने देंगे। गुस्साए मजदूरों ने मजदूरी नहीं दिए जाने के कारण बाराचट्टी रेंजर को पौधे ले जाने नहीं दिया।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »अर्जुन केशरीवरिष्ठ संवाददाताAddress »बाराचट्टी, गया (बिहार)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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