ओवरहेड टैंक के लिए खोदा गया गड्ढा : बरसात का पानी भरने से लोगों की…
ओवरहेड टैंक के लिए खोदा गया गड्ढा : बरसात का पानी भरने से लोगों की उड़ी नींद… प्रभावित लता मनराल ने बताया कि बारिश होने के कारण रात 12 बजे से मिट्टी गिरने लगी थी। इससे मेरे मकान को खतरा हो गया है। रात दो बजे से छाता ओढ़कर बाहर खड़े हुए हैं। स्थानीय मीना बनकोटी ने बताया कि खतरे के डर से सारी रात सो नहीं पाए। आस-पास के मकानों को खतरा हो गया है।
हल्द्वानी। हल्द्वानी के छड़ायल स्थित कृष्णा विहार में ओवरहेड टैंक बनाने के लिए खोदा गया गड्ढा बृहस्पतिवार रात दहशत का सबब बन गया। रात हुई बारिश से गड्ढे में जलभराव होने से आसपास के करीब छह मकानों समेत ओवरहेड टैंक और पंपहाउस भी खतरे की जद में आ गया है। अनहोनी के डर से लोग घरों से बाहर निकल आए और रातभर खतरे की स्थिति का जायजा लेते रहे। शुक्रवार को मौके पर पहुंचे विभागीय अधिकारियों का स्थानीय लोगों ने घेराव किया और निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) की ओर से कृष्णा विहार में ओवरहेड टैंक के निर्माण के लिए करीब 900 वर्ग फीट के दायरे में बड़ा गड्ढा खोदा गया है। बृहस्पतिवार रात साढ़े 12 बजे से बारिश शुरु होने पर गड्ढे में जलभराव होने लगा। स्थानीय लोगों ने फोन से संपर्क कर एक दूसरे को खतरे से आगाह किया। भू-धंसाव के कारण रात तीन बजे बिजली का पोल भी गिर गया और संपर्क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
प्रभावित लता मनराल ने बताया कि बारिश होने के कारण रात 12 बजे से मिट्टी गिरने लगी थी। इससे मेरे मकान को खतरा हो गया है। रात दो बजे से छाता ओढ़कर बाहर खड़े हुए हैं। स्थानीय मीना बनकोटी ने बताया कि खतरे के डर से सारी रात सो नहीं पाए। आस-पास के मकानों को खतरा हो गया है। बिजली का पोल गिरने पर सभी लोग घरों से बाहर निकल आए। स्थानीय हरीश चंद्र जोशी ने बताया कि गड्ढे के कारण ओवरहेड टैंक को खतरा हो गया है। टैंक के नीचे से मिट्टी लगातार गिर रही है। इससे जनहानि की आशंका है। टैंक की सुरक्षा प्राथमिक स्तर पर की जाए। मिट्टी गिर रही है और मकान की नींव दिखने लगी है।
बारिश के कारण गड्ढे में पानी भर गया था और मिट्टी गिरने लगी थी। गड्ढे से पानी निकाल दिया गया है। कांट्रेक्टर एजेंसी को कहकर टीम बढ़ा दी गई है। मिट्टी गिरने से बचाव के लिए शुक्रवार रात से सुरक्षात्मक कार्य कर दिए जाएंगे। सुबह तक सुरक्षात्मक कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे।
– कुलदीप सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, यूएसएसडीए
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