
उत्तर भारत के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थानों में शुमार पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ में चोरी की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनती जा रही हैं। ताज़ा मामला पीजीआई की लाइब्रेरी का है, जहां एक डॉक्टर का आईपैड और चार्जर चोरी हो गया। इस घटना से न केवल डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि यह भी साफ हो रहा है कि चोर अब अस्पताल के भीतर भी सक्रिय हैं।
मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले और इस समय एडवांस ट्रॉमा सेंटर, पीजीआई चंडीगढ़ में सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) के पद पर कार्यरत डॉ. विपेंद्र सिंह राजपूत (27 वर्ष) ने पुलिस को शिकायत में बताया कि वह 1 सितंबर 2025 को दोपहर लगभग एक बजे पीजीआई स्थित तुलसीदास लाइब्रेरी में अध्ययन करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने अपना आईपैड एयर-4, चार्जर और लैपटॉप लाइब्रेरी की पहली मंजिल पर टेबल पर रखा हुआ था। इसी दौरान ड्यूटी कॉल आने पर उन्हें तत्काल एडवांस ट्रॉमा सेंटर जाना पड़ा। दोपहर करीब 2.15 बजे वह वहां से निकल गए और अपना सामान टेबल पर ही छोड़ दिया।
लौटने पर नहीं मिला आईपैड
डॉ. विपेंद्र ने अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद देर रात लगभग 3 बजे लाइब्रेरी लौटने की कोशिश की। उस समय कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि लाइब्रेरी की पहली मंजिल 2 बजे बंद हो गई थी और अगली सुबह 9 बजे खुलेगी। अगले दिन यानी 2 सितंबर को जब वह अपनी ड्यूटी खत्म करके दोपहर 3 बजे लाइब्रेरी पहुंचे, तो उन्हें अपना लैपटॉप तो सुरक्षित मिल गया लेकिन आईपैड और चार्जर गायब थे। इसके बाद उन्होंने तुरंत इस चोरी की सूचना सेक्टर-11 थाना पुलिस को दी।
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब पीजीआई चंडीगढ़ से चोरी की खबर सामने आई हो। अस्पताल परिसर विशाल है और रोज़ाना हज़ारों की संख्या में मरीज, तीमारदार और मेडिकल स्टाफ इधर-उधर आते-जाते रहते हैं। ऐसे में सुरक्षा के बावजूद चोरी की घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है। डॉक्टरों और मरीजों का महंगा सामान, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरों के निशाने पर रहते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
इस तरह की घटनाएं पीजीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। यहां सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और इलेक्ट्रॉनिक चेकिंग सिस्टम मौजूद होने के बावजूद चोरी होना कहीं न कहीं सुरक्षा में चूक को दर्शाता है। सेक्टर-11 थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
पीजीआई चंडीगढ़ जैसे बड़े चिकित्सा संस्थान में चोरी की लगातार घटनाएं मरीजों और डॉक्टरों दोनों के लिए असुरक्षा का माहौल पैदा करती हैं। इस घटना ने एक बार फिर से प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने का संकेत दिया है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी चोर तक पहुंच पाती है और प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।