मां-बाप को गार्डन में और बेडरूम में गर्लफ्रेंड को दफनाया
मां-बाप को गार्डन में और बेडरूम में गर्लफ्रेंड को दफनाया, बंगाल के बांकुड़ा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा 2020 में सुनाई थी। इसके बाद रायपुर जिला कोर्ट ने माता-पिता की हत्या के बाद शव को गार्डन में दफनाने के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
नई दिल्ली। जुर्म की फाइलों के पन्नों में कई ऐसी वारदात दर्ज हैं, जो किसी भी इंसान के रोंगटे खड़े कर देती हैं। ऐसी ही एक दास्तान 7 साल पहले भोपाल से सामने आई थी। जहां एक सिरफिरे आशिक ने अपनी प्रेमिका का मर्डर करने के बाद उसकी लाश को अपने बेडरूम में दफन कर दिया था। वो उसी बेडरूम में सोया करता था। लेकिन जब इस कत्ल की गुत्थी सुलझी तो एक ऐसा खुलासा हुआ, जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया था। दरअसल, वो कातिल एक साइको किलर था। जिसने एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन कत्ल किए थे। उस कातिल की कहानी आपके रोंगटे खड़े कर देगी।
साल 2007 – पश्चिम बंगाल के बांकुरा की रहने वाली आकांक्षा उर्फ श्वेता बेहद खूबसूरत थी और दिलकश भी। वो काफी मिलनसार लड़की थी। उसी साल यानी 2007 में सोशल मीडिया के जरिए उसकी मुलाकात उदयन नाम के एक लड़के से हुई थी। दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। सोशल मीडिया से शुरू होकर ये रिश्ता मुलाकातों और लंबी बातों में बदल गया। यूं ही ये सिलसिला 7 साल तक चलता रहा। आकांक्षा तो मानों उदयम के प्यार में पागल हो चुकी थी। वो उसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती थी। लिहाजा उसने अपनी जिंदगी में एक बड़ा फैसला किया।
बेटी ने पत्नी बनकर पिता की पेंशन के 12 लाख रुपये डकारे, पहुंची जेल
जून 2016 – उस साल वो अपने परिजनों को नौकरी करने की बात कहकर सीधे उदयन के पास भोपाल आ गई। वहां वह उदयन के साथ साकेत नगर में रहने लगी। मगर इस दौरान उसने अपने परिजनों को बताया कि वह अमेरिका में नौकरी कर रही है। परिवार वाले उसकी बात से खुश थे। उन्हें लग रहा था कि आकांक्षा को बड़ी सफलता मिल गई है। लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनकी बेटी के साथ क्या होने वाला था।
जुलाई 2016 – उस वक्त अचानक आकांक्षा की अपने परिवारवालों से बात होनी बंद हो गई। घरवालों ने काफी कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद आकांक्षा के भाई ने उसका नंबर ट्रेस कराया तो उसकी लोकेशन भोपाल में निकली। जब उसके परिवार को शक हुआ कि आकांक्षा भोपाल में उदयन के साथ रह रही है। अब घरवालों को उसकी चिंता सताने लगी थी।
दिसंबर 2016 – जब घरवाले हताश हो गए और बेटी का कोई ठोर नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस थाने जाकर आकांक्षा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की गंभीरता को समझ रही थी। बांकुरा पुलिस की टीम फौरन भोपाल आई लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। फिर भोपाल पुलिस की मदद ली गई और छानबीन आगे बढ़ी तो इस पूरे मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ। पुलिस को जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि उदयन ने अपनी गर्लफ्रेंड आकांशा की हत्या कर दी थी। और उसकी लाश को अपने घर के बेडरूम में गाड़ दिया था। ऊपर से फर्श करा दिया था। पुलिस ने उसी की निशानदेही पर लाश के अवशेष बरामद किए।
30 अप्रैल 2017 – बांकुरा पुलिस ने आरोपी उदयन के खिलाफ 30 अप्रैल 2017 को केस डायरी समेत करीब 600 पेज की चार्जशीट अदालत में पेश की थी। 19 गवाहों के बयान और सभी साक्ष्यों के आधार पर उसे अदालत ने दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनाई। इसी जांच में पता चला कि उदयन केवल अपनी प्रेमिका का कातिल नहीं था, बल्कि उसने साल 2010 में अपने माता-पिता की निर्मम हत्या कर दोनों के शवों को घर के ही गार्डन में दफना दिया था। बता दें, आरोपी उदयन ने 13 साल पहले मां इंद्राणी और पिता वीरेंद्र दास की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। फिर उनकी लाशों को सैप्टिक टैंक के बहाने गड्ढा खुदवाकर उसमें दफाना दिया था।
ऐसे की माता-पिता की हत्या
शुरुआत में पुलिस को लगा था कि यह मामला आकांक्षा की हत्या तक ही सीमित है। लेकिन जब उसके माता-पिता के बारे में पूछा गया तो वह ठीक से जवाब नहीं दे पाया। ऐसे में पुलिस को संदेह हुआ और फिर पूछताछ में उसने जो खुलासा किया उससे हर किसी के होश उड़ गए। उसने बताया कि मां इंद्राणी और पिता वीके दास की 2010 में हत्या कर उनके शव रायपुर वाले मकान के गार्डन में दफना दिया था। पहले उसने पुलिस से झूठ बोला था कि मां अमेरिका में रहती हैं, जबकि पापा की बीमारी से मौत हो चुकी है। जबकि उसने पहले मां और फिर पिता की हत्या की थी।
मर्डर के बाद लेता रहा मां-पिता की पेंशन
इतना ही नहीं उनकी मौत के बाद फर्जी दस्तावेजों से 7 साल तक मां के नाम की पेंशन लेता रहा। फिर बाद में मकान बेचकर भोपाल में रहने लगा था।
साल 2020 में फिर मिली उम्रकैद की सजा
बंगाल के बांकुड़ा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा 2020 में सुनाई थी। इसके बाद रायपुर जिला कोर्ट ने माता-पिता की हत्या के बाद शव को गार्डन में दफनाने के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उदयन दास अब पश्चिम बंगाल की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
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