उत्तर प्रदेश

पान मसाला कारोबार को लगी तीन हजार करोड़ की नजर

पान मसाला कारोबार को लगी तीन हजार करोड़ की नजर, एसएनके, गगन पान मसाला रुद्रपुर उत्तराखंड में प्लांट लगा रहा है। शुद्धप्लस ने रीवा मध्य प्रदेश में, किसान ने छतरपुर मध्य प्रदेश में, शिखर ने गुवाहाटी में 15 दिन पहले प्लांट शुरू कर दिया है। शिखर का एक अन्य प्लांट 15 दिन में झारखंड में शुरू होगा।

कानपुर। कानपुर में एसजीएसटी विभाग की ओर से पान मसाला इकाइयों की जा रही निगरानी और सीसीटीवी कैमरे लगवाने की प्रक्रिया ने शहर के पान मसाला कारोबार को पलायन पर मजबूर कर दिया है। इससे तीन हजार करोड़ के कारोबार को झटका लग गया है। शहर के पांच प्रमुख ब्रांडों एसएनके, केसर, शुद्धप्लस, किसान और शिखर ने उत्पादन कम कर दिया है। साथ ही, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुवाहाटी में नए प्लांट लगा लिए हैं। एक ब्रांड ने तो मशीनरी तक उखाड़ ली है। शहर में एसएनके, गगन, सर, रॉयल, मधु, शिखर, केसर, सिग्नेचर, शुद्ध प्लस, तिरंगा, किसान ब्रांड के पान मसाले का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा लखनऊ, नोएडा, दिल्ली से तैयार माल शहर में आता है। पान मसाला इकाइयों में कर चोरी रोकने के लिए एसजीएसटी के प्रमुख सचिव एम देवराज ने निगरानी के निर्देश दिए थे। बीते तीन महीने से इन इकाइयों के बाहर अधिकारी रोस्टर के अनुसार 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं।

इसके अलावा विभाग के अधिकारी इकाइयों के गेट पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे (एएनपीआर) लगवा रहे हैं। सभी प्रमुख इकाइयों में ये खास कैमरे लगने भी शुरू हो गए हैं। वहीं, पान मसाला कारोबार में कर चोरी रोकने के लिए पहले से ही ऑनलाइन निगरानी हो रही थी। उत्पादन इकाइयों में पैकेजिंग मशीन की संख्या की अनिवार्यता, मशीन का मेक, निर्माता कंपनी, खरीद की तिथि, वजन, पैकेजिंग की क्षमता, एक घंटे में बिजली के उपभोग आदि पर भी नजर रखी जा रही है। प्रमुख ब्रांडों के कारोबार समेटने से हजारों लोगों की रोजी रोटी पर संकट हो गया है। अपर आयुक्त ग्रेड दो एसआईबी एसजीएसटी कुमार आनंद ने बताया कि एएनपीआर कैमरे लगवाने का काम तीन दिन में पूरा हो जाएगा। विभाग में कमांड सेंटर बनने का काम भी शुरू हो गया है, जो जल्द पूरा होगा। सूत्रों ने बताया कि पान मसाला और लोहा इकाइयों की अफसरों की ओर से की जा रही निगरानी की अवधि बुधवार तक है। इसे 21 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है।

एसएनके, गगन पान मसाला रुद्रपुर उत्तराखंड में प्लांट लगा रहा है। शुद्धप्लस ने रीवा मध्य प्रदेश में, किसान ने छतरपुर मध्य प्रदेश में, शिखर ने गुवाहाटी में 15 दिन पहले प्लांट शुरू कर दिया है। शिखर का एक अन्य प्लांट 15 दिन में झारखंड में शुरू होगा। केसर ने मध्य प्रदेश के नौगांव में नया प्लांट लगाया है। कानपुर पान मसाला उद्योग का बड़ा गढ़ रहा है। अब लगातार निगरानी से यहां के स्थानीय ब्रांडों को तगड़ा नुकसान हुआ है। अक्तूबर से चल रही निगरानी से पहले उत्पादन कम हुआ, फिर काम लगभग ठप हो गया है। इसका लाभ दिल्ली के ब्रांडों को धड़ल्ले से मिल रहा है।

जानकारों का कहना है कि शहर में करीब पांच करोड़ से ज्यादा की पान मसाला की प्रतिदिन की खपत है। इसमें एसएनके, गगन, शिखर, केसर, सिग्नेचर, शुद्ध प्लस की बड़ी हिस्सेदारी है, इन ब्रांडों का ही सबसे ज्यादा पान मसाला बिकता था। अब दिल्ली के पान मसाला की खपत बढ़ती जा रही है। विमल, पान बहार, कमला पसंद, क्रिस्टल, कैश गोल्ड ब्रांड की मांग बढ़ने लगी है पान बहार और कमला पसंद की मांग सबसे ज्यादा दिख रही है। दूसरे शहर के पान मसाला की बिक्री बढ़ने और शहर से अलग-अलग ब्रांडों के पलायन से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

प्रयोग हमें सत्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं : कमलेश जोशी


श्रमिकों के शहर में जब मिलों की चिमनियां बंद हुईं तो पान मसाला उद्योग में उन्हें काम मिलने लगा। एक इकाई में औसतन दो हजार के करीब लोगों को काम मिलता है। पान मसाला इकाइयों के पलायन से हजारों श्रमिकों, कर्मचारियों और उनके परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट हो गया है। सरकार एक ओर प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है, दूसरी ओर लगे लगाए उद्योग दूसरे राज्यों में पलायन पर मजबूर हैं।

-श्याम शुक्ला, संरक्षक, यूपी युवा ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन


शहर में इकाइयों के जाने से किराना कारोबार तो आधा हो गया है। मेवा और सब्जी मसाला का ही काम बचा है। सुपाड़ी, कत्था, पिपरमेंट, लौंग, इलायची, जड़ी-बूटी, अलग-अलग प्रकार के सुगंध का काम ही ठप सा हो गया है। सरकार को आईटीसी और कर के जरिये सालाना एक हजार करोड़ का टैक्स दिया जाता है। पान मसाला उद्यमी उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुवाहाटी में काम ले जा रहे हैं।

-अलंकार ओमर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, द किराना मर्चेंट एसोसिएशन


पान मसाला कारोबार को लगी तीन हजार करोड़ की नजर, एसएनके, गगन पान मसाला रुद्रपुर उत्तराखंड में प्लांट लगा रहा है। शुद्धप्लस ने रीवा मध्य प्रदेश में, किसान ने छतरपुर मध्य प्रदेश में, शिखर ने गुवाहाटी में 15 दिन पहले प्लांट शुरू कर दिया है। शिखर का एक अन्य प्लांट 15 दिन में झारखंड में शुरू होगा।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights