
🌟🌟🌟
पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी और जेल में उनके साथ होने वाले व्यवहार को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। उनकी तीनों बहनें पियाला जेल के बाहर धरने पर बैठ गई हैं और इमरान को एकांत कारावास में प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगा रही हैं।
- इमरान खान की बहनों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए
- अदालत ने सप्ताह में दो बार मुलाकात का अधिकार दिया, फिर भी रोका जा रहा दावा
- पीटीआई समर्थकों का धरना उग्र, प्रशासन चौकन्ना
- इमरान खान का एकांत कारावास बना अंतरराष्ट्रीय बहस का मुद्दा
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर देश में एक बार फिर बड़ा राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल शुरू हो गया है। रावलपिंडी की पियाला जेल के बाहर उनकी तीनों बहनों—अलीमा खान, उज़मा खान और डॉ. लीमा खान—ने अचानक धरना शुरू कर दिया, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। जेल परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है और सुरक्षा को बेहद कड़ा कर दिया गया है।
इमरान खान की बहनों का आरोप है कि उन्हें अपने भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा है, जबकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया है कि परिवार सप्ताह में दो बार उनसे मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इमरान खान को पिछले आठ महीनों से एकांत कारावास में रखा गया है और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उनका दावा है कि जेल प्रशासन मुलाकात की अनुमति देने में टालमटोल करता है और इमरान को पूरी तरह दुनिया से काटकर रखा गया है।
Government Advertisement
धरना क्यों हुआ उग्र?
पियाला जेल के बाहर पहले भी पीटीआई समर्थकों और इमरान खान की बहनों ने प्रदर्शन किया था। एआरवाई न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते जेल अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि अलीमा खान को इमरान खान से मिलने दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद प्रदर्शन शांत हुआ, लेकिन मिलने की अनुमति न मिलने पर इस बार आंदोलन फिर भड़क उठा। दूसरी ओर, पाकिस्तानी प्रशासन ने दावा किया है कि सुरक्षा कारणों से कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन परिवार के मिलने पर कोई स्थायी रोक नहीं है। फिर भी, बहनों का कहना है कि अदालत के आदेश के बावजूद जेल अधिकारी बहाने बनाते हैं और मुलाकात में बाधाएं खड़ी करते हैं।
एकांत कारावास और गंभीर आरोप
इमरान खान के एकांत कारावास में रखे जाने को लेकर पाकिस्तान में ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठ रहे हैं। 2 दिसंबर को इमरान की बहनों ने उनसे मुलाकात के बाद कहा कि वह शारीरिक रूप से तो ठीक हैं, लेकिन मानसिक तौर पर प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। डॉ. खानम ने मीडिया से कहा— “उन्हें पूरे दिन कोठरी में बंद रखा जाता है, बहुत कम समय के लिए बाहर निकाला जाता है और किसी से बातचीत की अनुमति नहीं है…” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जेल प्रशासन जानबूझकर इमरान खान को एकांत में रखकर उनकी राजनीतिक गतिविधियों को खत्म करने की कोशिश कर रहा है।
रावलपिंडी में तनाव, सरकार पर सवाल
रावलपिंडी में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। प्रशासन को आशंका है कि पीटीआई समर्थक बड़ी संख्या में जुट सकते हैं, जिससे स्थिति और उग्र हो सकती है। सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तान में यह मुद्दा तेजी से ट्रेंड कर रहा है, जहाँ लोग इमरान खान की खराब होती स्थिति पर चिंता जता रहे हैं। इमरान खान का मामला पाकिस्तान की राजनीति में एक गहरी दरार बन चुका है, जहाँ एक ओर सरकार उन पर गंभीर आरोपों में कार्रवाई का दावा करती है, वहीं उनके समर्थक और परिवार इसे प्रतिशोधात्मक राजनीति करार देते हैं। स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा पाकिस्तान के राजनीतिक वातावरण को और अधिक अस्थिर कर सकता है।








