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उत्तराखंड में दो महीने के लिए कल से शुरू होगा ऑपरेशन स्माइल

उत्तराखंड में दो महीने के लिए कल से शुरू होगा ऑपरेशन स्माइल… इनमें एक दरोगा और चार कांस्टेबल शामिल रहेंगे। इसके अलावा बाकी सभी जनपदों में एक-एक टीम का गठन किया गया है। बरामद बच्चों और महिलाओं से जानकारी करने के लिए एक-एक महिला पुलिसकर्मी को टीमों में अनिवार्य रूप से तैनात किया गया है। 

देहरादून। गुशमुदा बच्चों, पुरुषों और महिलाओं की तलाश के लिए मंगलवार से ऑपरेशन स्माइल की एक बार और शुरुआत की जा रही है। डीजीपी अभिनव कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। यह अभियान 2015 में शुरू किया गया था। तब से अब तक 13 बार चलाया जा चुका है। इस दरम्यान 5981 गुमशुदा लोगों को तलाशा जा चुका है।

फिर से ऑपरेशन स्माइल के लिए टीमें गठित की गई हैं। पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष एक मई से 30 जून तक ऑपरेशन स्माइल चलाया गया था। इस दौरान कुल 1370 गुमशुदा लोगों को तलाशा गया। पुलिस मुख्यालय स्तर पर ऑपरेशन स्माइल की नोडल अफसर एसपी क्राइम विशाखा अशोक भदाणे को बनाया गया है। अभियान के लिए देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में पांच-पांच टीमें बनाई गई हैं।

इनमें एक दरोगा और चार कांस्टेबल शामिल रहेंगे। इसके अलावा बाकी सभी जनपदों में एक-एक टीम का गठन किया गया है। बरामद बच्चों और महिलाओं से जानकारी करने के लिए एक-एक महिला पुलिसकर्मी को टीमों में अनिवार्य रूप से तैनात किया गया है। टीम की सहायता के लिए एक-एक विधिक और तकनीकी टीम का गठन भी प्रत्येक जिले में किया गया है।

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ये दिए गए निर्देश

  •  वर्ष 2017 से गुमशुदा लोगों को बरामद करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।
  • गुमशुदा लोगों का मिलान प्रदेश और सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से अनिवार्य रूप से किया जाए।
  • ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीम अपने जिलों के अलावा अन्य जिलों के गुमशुदा लोगों की तलाश में भी मदद करेंगी।
  • गुमशुदाओं के बरामद होने के बाद उनकी सुपुर्दगी व पुनर्वास के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
  • बरामद लोगों के संबंध में किसी अपराध की जानकारी मिले तो नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाए।

उत्तराखंड में दो महीने के लिए कल से शुरू होगा ऑपरेशन स्माइल... इनमें एक दरोगा और चार कांस्टेबल शामिल रहेंगे। इसके अलावा बाकी सभी जनपदों में एक-एक टीम का गठन किया गया है। बरामद बच्चों और महिलाओं से जानकारी करने के लिए एक-एक महिला पुलिसकर्मी को टीमों में अनिवार्य रूप से तैनात किया गया है। 

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