एक था ट्विन टावर

नवाब मंजूर
ये जो ट्विन टावर था
बुरा इतना भी नहीं था यार!
गिरा दिया गया
बारूद भरकर
कुछ लोगों ने किया
स्वागत हंसकर!
बजायीं तालियां भी…
मीडिया ने भी हाथों हाथ लिया
जोर आजमाइश, नुमाइश किया।
टीआरपी भी बटोरी खूब
किया दिनभर उछल कूद!
लेकिन क्या?
ऐसा करना ही था एकमात्र उपाय?
क्या बांट नहीं दिए जाते घर उनमें?
जो हैं निसहाय!
अपने देश में गरीबी है,
दरिद्रता से लोगों की करीबी है!
फिर जिसे बनाने में लगे थे 500 करोड़,
उड़ाने में खर्च हुए और 20 करोड़!
तीन महीने में उठेगा मलबा
जाने कौन रखेगा उसका हिसाब
प्रदूषण और कचड़े का जनाब
कुल मिलाकर यही है लब्बोलुआब
कि गर बना दिया जाता ज़ब्त कर
स्कूल अस्पताल
या फिर कोई सैन्य/प्रशासनिक मुख्यालय
तो नहीं होती रुपयों की बर्बादी
आबाद हो जाती हजारों जिंदगानी
छत नसीब हो जाता उनको
जिनके छतों से टपकता है पानी!
यदि सरकार की हो जाती जरा सी
इनपर मेहरबानी!
👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…
WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO
FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/
Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/
Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar
YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() |
From »मो. मंजूर आलम ‘नवाब मंजूरलेखक एवं कविAddress »सलेमपुर, छपरा (बिहार)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|