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साहित्य लहर

कविता : एक दीप स्नेह का

सुनील कुमार

दीप पर्व अबकी जब मनाना तुम
एक दीप स्नेह का भी जलाना तुम।

घर-आंगन दीपों से सजाना तुम
पर एक दीप अपनत्व का भी जलाना तुम।

भोग लक्ष्मी-गणेश को बेशक लगाना तुम
पर भूख किसी भूखे की भी मिटाना तुम।

खुशियां सिया राम घर वापसी की मनाना तुम
पर वनवास किसी और का न कराना तुम।

वचन सिया राम सा निभाना तुम
प्रीत भरत-लक्ष्मण सी लगाना तुम
दीप पर्व अबकी जब मनाना तुम।

कलंक किसी सिया पर न लगाना तुम
दिल किसी का न दुखाना तुम
दीप पर्व अबकी जब मनाना तुम।

धन-दौलत के खातिर
अपनों को न ठुकराना तुम
मार्ग सत्य का अपनाना तुम
दीप पर्व अबकी जब मनाना तुम।

दीप खुशियों के बेशक जलाना तुम
पर दर्द भी किसी का मिटाना तुम।

राग-द्वेष सभी मिटाना तुम
दीप पर्व अबकी जब मनाना तुम।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार

लेखक एवं कवि

Address »
ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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