मां का प्यार
मां का प्यार… भारतीय सभ्यता व संस्कृति श्रेष्ठ संस्कृति हैं और इस संस्कृति में मां का प्यार मिलता है और मां के इसी प्यार के आगे घुटने टेक कर बिपरजांय तूफान बिना नुकसान किये यहां से चला जायेगा। फिर भी सुरक्षा व सजगता में ही हम सबकी भलाई हैं। # सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
देश भर में बिपरजांय तूफान का आंतक मचा हुआ हैं। बिपरजांय के भय से हर कोई भयभीत हैं कि न जाने कितने जान माल की हानि हो जाये। प्रशासन व सरकार बार बार चेतावनी दे रही हैं और सजग व सतर्क रहने की अपील कर रही हैं।
लेकिन जनता जनार्दन की मां के प्यार के आगे यह तूफान कमजोर पड जायेगा और बगैर तांडव मचाये यहां से चला जायेगा। चूंकि उस भयानक तूफान के बावजूद भी मां के प्यार से सींचा गया हमारा घर परिवार सभी सुरक्षित हैं।
चूंकि मां के प्यार में स्नेह का अमृत हैं। जबकि बिपरजांय में बदले की भावना भरी हैं और क्रोध में अंधा होकर वह जानमाल की हानि करने पर तुला हैं जो उसकी नादानी हैं। जहां प्यार होता हैं वहां ममता बरसती हैं और जहां बदले की भावना होती हैं, वहां बिपरजांय रूपी तांडव मचता हैं।
भारतीय सभ्यता व संस्कृति श्रेष्ठ संस्कृति हैं और इस संस्कृति में मां का प्यार मिलता है और मां के इसी प्यार के आगे घुटने टेक कर बिपरजांय तूफान बिना नुकसान किये यहां से चला जायेगा। फिर भी सुरक्षा व सजगता में ही हम सबकी भलाई हैं।
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