***
साहित्य लहर

जननी है पालनहार, असीम प्यार की मूरत

प्रेम बजाज

माँ वो है , जिसको हम शब्दों में व्यक्त नही कर सकते, जिसकी कोई व्याख्या नही कर सकते।

माँ के बारे मे जितना कहा जाए कम है ।
माँ…मात-पिता है, गुरू- सखा है , जननी है, पालनहार है , ईश्वर की बनाई गई असीम प्यार की मूरत है।

in short माँ पूरा सँसार है , जीवन की बहती धार है ।। . …

एक माँ ही है जो कभी नहीं सोचती …कि मैं सूखे पे सो जाऊँ और मेरा बच्चा गीले पे सोए।

एक माँ ही है जो कभी नहीं सोचेगी कि मैं खाना बना कर रख दूँ और जब बच्चे ने खाना होगा खा लेगा।
नहीं, वो कभी ऐसा नहीं करती , वो कभी नहीं सोचती कि मुझे भी कोई बना के खिला दे ।
एक माँ ही है जो एक रोटी होने पर खुद भूखी रह कर अपने बच्चे को खिलाती है।

एक माँ ही है जो अपने बच्चे का पेट भरने के लिए अपना ज़मीर तक बेच देती है।

एक माँ ही है जो अपने बच्चे की सब बलाऐँ अपने ऊपर लेने को हर पल तत्पर रहती है।

एक माँ ही है जिसे कभी बच्चों से कोई शिकायत नहीं होती।

एक माँ ही है जो सारी रात इसलिए जागती है कि उसका बच्चा चैन से सो सके।

एक माँ ही है जो सबसे ज्यादा प्यार करती है ,
माँ इश्वर की दी हुई अनमोल धरोहर है … माँ तो माँ है…

नौ महीने तन के साँचे में ढालती है माँ , फिर जन्म देती है , हमें पालती है माँ,
.दूःख जो बच्चो को हो वो पहचान जाएगी , ले ले माँ की दुआँऐ ये काम आँऐगी


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

प्रेम बजाज

लेखिका एवं कवयित्री

Address »
जगाधरी, यमुनानगर (हरियाणा)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights