
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
वर्तमान समय में व्हाट्सएप का दौर चल रहा हैं । सोशल मीडिया क्या आया लोग पागल हो गये । दिन भर व्हाट्सएप पर कुछ न कुछ भेजते ही रहते हैं । वे स्वयं भी नहीं देखते हैं और तत्काल आगे दस बीस लोगों को फारवर्ड कर देते हैं । इतनी जल्दी तो आग भी नहीं फैलती है जितनी जल्दी आपके पास फारवर्ड किया कोई मैसेज या विडियो आ जाता हैं कमाल है कि देश की जनता के पास शायद कोई काम नहीं है जो वे दिन भर मोबाइल पर ही लगे रहते हैं और फारवर्ड में ही बिजी रहते हैं । इससे कभी कभी गलत धारणा भी बन जाती हैं और सही बात का पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है , चूंकि आधी अधूरी जानकारी से ही गलत धारणा बनती हैं । जब तक किसी के बारे में पूरी जानकारी न हो तब तक किसी को न बताओं । बर्तन खाली हो तो यह मत समझो कि मांगने चला हैं । हो सकता हैं कि वह सब कुछ बांट कर आया हो ।
सब्र : बचपन से सुनते आ रहे हैं कि सब्र का फल मीठा होता है लेकिन हकीकत में देख रहे हैं कि आज किसी को भी सब्र नहीं है । बच्चों ने माता पिता के समझ कोई मांग रखी और उन्होंने कहा कि बेटा कुछ दिन सब्र रखो बाद में दिला देगे तो बच्चे मां-बाप से नाराज । सांसद , विधायक , पार्षद क्षेत्र में सडक की मरम्मत , रोड़ लाइट न लगवाये , गट्टर पर ढक्कन न लगवाये विकास कार्य समय पर न कराये तो जनता नाराज , हर कोई सड़कों पर तेज रफ्तार वाहन दौड़ा रहा हैं । आज कोई भी सब्र नहीं रख रहा हैं । न जानें क्यों उनके सब्र का बांध टूट रहा हैं । कहने का तात्पर्य यह है कि किसी को भी सब्र नहीं है । बिना वजह नाराजगी से वातावरण तनाव पूर्ण हो रहा है । जबकि सब्र वह ताकत है जो सताने वालों की बुनियाद हिला देता हैं अतः हर काम के लिए तनिक सब्र रखिए ।
चुगली की धार : व्यक्ति को कभी भी किसी की चुगली नहीं करनी चाहिए । चुगली करने से जहां एक ओर आपसी संबंधों में तनाव व दरार आती हैं वहीं दूसरी ओर चुगली करने वालें की भी समाज में प्रतिष्ठा धूमिल होती है और लोग उससे दूरियां बना लेते हैं । चूंकि चुगली की धार इतनी तेज होती हैं जो खून के रिश्ते को भी काट कर रख देती हैं । अतः जीवन में कभी किसी की चुगली न करें और अपने आपसी संबंधों को प्रेम और स्नेह के साथ निभाते रहिए ।
हमारे बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि याद रखिए अपनापन भी किसी वैद्य से कम नहीं है । हर तकलीफ में ताकत की दवा देता हैं और इंसान ही इंसान की दवा हैं कोई दुःख देता है तो कोई सुकून बन जाता है ।
दिल एक बगीचे की तरह : इंसान का दिल एक बगीचे की तरह हैं जो हमेंशा साफ सुथरा रहना चाहिए । लेकिन कभी कभी घांस-फूस की भांति उसमें घृणा , नफरत , राग ध्देष जैसी गंदगी एकत्र हो जाती है जिसे समय रहते उखाड़ फेंकना चाहिए ताकि दिल साफ सुथरा रह सकें और उसमें प्रेम और स्नेह की हवा के झोंके आते रहने चाहिए ताकि हमारे सभी प्रकार के रिश्ते मजबूती के साथ बनें रहें ।
सबसे बड़ा धनी : कोई भी व्यक्ति अपार धन सम्पदा , गाड़ी , बंगलें व नौकर चाकर पाकर बड़ा धनवान नहीं बन जाता हैं अपितु सबसे बड़ा धनी वो व्यक्ति है जो कम संसाधनों के बावजूद भी सुखी जीवन व्यतीत करता हैं । उसे कम संसाधनों में ही संतोष रहता हैं और अनावश्यक अनाप-शनाप चीजों की लालसा नहीं रखता हैं । वर्तमान समय में ऐसे लोगों की संख्या भले ही कम हैं फिर भी वे आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं । हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने भी उच्च पद पाकर भी कभी भी अनावश्यक व अनाप-शनाप चीजों की लालसा नहीं की तथा सादा जीवन व्यतीत किया जो देश के समक्ष एक आदर्श संस्कारों का ज्वलंत उदाहरण है ।
आज इस मंहगाई के दौर में हर कोई मंहगाई से परेशान हैं लेकिन हमारे राजनेता और चंद वे लोग जिनके पास दो नम्बर का पैसा है या जरूरत से ज्यादा धन हैं वे लगातार यहीं कहते है कि मंहगाई नहीं बढ़ी है बल्कि जनता-जनार्दन के शौक बढ़ गये हैं । भला कोई इन लोगों से पूछे कि एक व्यक्ति अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से जितना कमा रहा हैं उसमें अपना घर खर्च चला कर बता दो । अगर आप उसमें सफल हो जाते है तो हम मान लेंगे कि वास्तव में मंहगाई नहीं बढ़ी है बल्कि जनता-जनार्दन के अनावश्यक शौक बढे हैं । केवल जनता को भ्रमित न करें और हकीकत को स्वीकार करना सीखें ।
Nice article
Ek dm right