
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
कई बार लोग अपने आपको कोसते रहते हैं कि उनका कोई भी कार्य समय पर या व्यवस्थित तरीके से नहीं होता। ऐसे में सबसे पहले ज़रूरी है कि वे स्वयं को कोसना बंद करें और अपने काम करने के तरीके में सुधार लाएं। सकारात्मक सोच अपनाएं। कार्य करते समय यदि किसी की मदद की आवश्यकता हो तो बिना हिचक सहायता लें, और फिर देखिए चमत्कार!
सिर्फ किस्मत को दोष देना उचित नहीं है। अपनी सोच को समय के अनुसार बदलें और हर दिन उसे अपडेट करते रहें। जब आप सकारात्मक सोच और निष्ठा से कार्य करेंगे, तो अपने जीवन और कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव अवश्य देखेंगे। समय-समय पर स्वयं को भी प्रोत्साहित करते रहें। हमेशा अच्छा सोचें, चाहे वह अपने लिए हो या दूसरों के लिए। अपने लिए तो हर कोई करता है, लेकिन जो दूसरों के लिए करता है, वही वास्तव में आनंदमय जीवन जीता है।
पानी और रिश्ते : जीवन में पानी और रिश्तों का बड़ा महत्व है। भले ही इनका कोई आकार या रंग न हो, लेकिन आनंददायक जीवन के लिए इनका होना आवश्यक है। जैसे बिना पानी के सब सूना लगता है, वैसे ही मधुर रिश्तों के बिना जीवन अधूरा है।
पानी की महत्ता तब समझ में आती है जब इसकी कमी हो, या पैसे खर्च करने के बावजूद भी यह उपलब्ध न हो और कंठ सूख जाए। इसी तरह रिश्तों की अहमियत तब समझ में आती है जब कोई बात करने वाला ही न हो।
हमारे बड़े-बुजुर्गों ने जो मजबूत और भावनात्मक रिश्ते बनाए थे, वे खून के रिश्तों से भी बढ़कर थे। लेकिन उनके जाने के बाद हमने इन रिश्तों को ऐसे तोड़ दिया जैसे टूटे हुए कांच को जोड़ना मुश्किल होता है। आज हालात ये हैं कि रिश्ते टूट चुके हैं या टूटने के कगार पर हैं।
स्वार्थ और अहंकार ने इन रिश्तों को नष्ट कर दिया है। जो रिश्ते बचे हैं, वे भी तलवार की धार पर चल रहे हैं। न जाने कब टूट जाएं और बिखर जाएं – यह तो समय ही बताएगा।
Nice article