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देवभूमि उत्तराखंड के वो सुर सम्राठ, पूरी दुनिया है जिनकी दीवानी

देवभूमि उत्तराखंड के वो सुर सम्राठ, पूरी दुनिया है जिनकी दीवानी, आदिकाल से संगीत का सेहत पर पड़ने वाले सकारात्मक पहलू को ही अब संगीत थेरेपी का नाम दे दिया गया है। आज यानी 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जा रहा है। 

देहरादनू। ऐसा माना जाता है कि अपनी पसंद के गीत सुनने के दौरान हर शख्स का मन झूमने लगता है, दिमाग में आनंद छा जाता है, कभी किसी धुन पर आंसू तक निकल आते हैं। मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं कि संगीत का सेहत से गहरा संबंध है। संगीतकारों का कहना है कि हर राग जीवन से जुड़ा है, तन मन तो स्वत: रागों में खो जाते हैं।

आदिकाल से संगीत का सेहत पर पड़ने वाले सकारात्मक पहलू को ही अब संगीत थेरेपी का नाम दे दिया गया है। आज यानी 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जा रहा है। इस दिवस की शुरुआत सन 1982 में फ्रांस में हुई, लेकिन आज भारत समेत कई देश इस दिन को मनाते हैं। उत्तराखंड की बात करें तो यहां के गायक आज देश-दुनिया में पहचान बना चुके हैं। शिकायना मुखिया, पवनदीप राजन व वुमनिया बैंड खूब छाए हुए हैं। जानते हैं उत्तराखंड की इन प्रतिभा के बारे में….

पवनदीप राजन की आवाज में सुकून, हाथों में जादू चंपावत के पवनदीप राजन भी लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। इंडियन आइडल फेम पवनदीप का टैलेंट आज पूरी दुनिया विभिन्न मंचों के माध्यम से देख रही है। उनमें न सिर्फ सिंगिंग का हुनर है, बल्कि वे कई तरह के वाद्य यंत्रों पर भी अच्छी पकड़ रखते हैं। पवनदीप को पिता सुरेश राजन और ताऊ सतीश राजन ने संगीत सिखाया। ये कहना कहना गलत नहीं होगा कि संगीत उन्हें विरासत में मिला है। उनके दादा स्व. रति राजन और नानी कबूतरी देवी भी अपने समय के प्रसिद्ध लोक गायक थे।

18 वर्षीय दून की शिकायना मुखिया कम उम्र में ही देश विदेश के मंचों पर अपनी मखमली आवाज से लोग के दिलों में छाई हैं। शिकायना ने अब तक तुम जो मिले, राफ्ता, तेरे बिन ए चूड़ी, तेरा मेरा आदि गाने गाए। जिसमें ऑनलाइन शो में विदेश से भी उनके प्रशंसक हैं। जल्द ही नेपाल व आस्ट्रेलिया में गाने की प्रस्तुति देंगी।

शिकायना ने बताया कि वह अपने ओरिजिनल गानों पर काम कर रहे हैं। जल्द ही उनकी एक एलबम आएगी। सिंगिंग रियलिटी टैलेंट शो लिटिल वायस आफ इंडिया किड्स वर्ष 2017 व सुपर स्टार सिंगर 2019 में जादू बिखेर चुकीं शिकायना ने अपनी आवाज का दीवाना बना दिया। शिकायना के पापा विकास मुखिया म्यूजिक टीचर हैं जिनका अपना एक बैंड भी है।

देहरादून के महिलाओं का बैंड वुमनिया बैंड की महिलाएं विभिन्न राज्यों में अपनी प्रस्तुति से उत्तराखंड को खास पहचान दिला रही हैं। इनकी सुरीली आवाज उत्तराखंड के निकल देशभर में गूंज रही हैं। इसमें टीम खासतौर पर महिलाओं को जागरूक करने व दहेज, महिला सशक्तिकरण आदि मुद्दों पर गाने रिलीज किए।

वर्ष 2017 में शुरू हुए यह बैंड दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात समेत अधिकांश राज्यों में प्रस्तुति दे चुका है। इस बैंड टीम में स्वाति सिंह के अलावा विजुल चौधरी, शाकुंबरी कोटनाला, श्रीविद्या कोटनाला शामिल हैं। स्वाति बताती हैं कि फ्यूजन, फोक, क्लासिकल, सूफी गाने गाते हैं। मैं रोशनी, बेसब्र मंजिल, उड़जा चिरैया, एक खुदा समेत 10 से ज्यादा गीत बनाए हैं। इंटरनेट मीडिया पर इनके लाखों फॉओअर्स हैं।


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देवभूमि उत्तराखंड के वो सुर सम्राठ, पूरी दुनिया है जिनकी दीवानी, आदिकाल से संगीत का सेहत पर पड़ने वाले सकारात्मक पहलू को ही अब संगीत थेरेपी का नाम दे दिया गया है। आज यानी 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जा रहा है। 

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