साहित्य लहर
यार दिल ना मार

राजेश ध्यानी सागर
यार दिल ना मार
कुछ खाने का कुछ पाने का
दिल करें ,
समेट ले उसे
मौका हाथ से
जाये ना यार
यार दिल ना मार।
मन तन को
चाहत से भर दे
कोई पाप नहीं उसमें ,
हें जीवन का सार
यार दिल ना मार।
दिल को खुश रखना अपने
इसके पंख निहार
उड़ गया
हाथ आयेगा नहीं
फिर तन झुलसा
तेरा मन झुलसा,
जीवन कटेगा
कैसे यार
यार दिल ना मार ।
कोई पाप नहीं इसमे
ये जीवन का सार
यार दिल ना मार।
👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…
WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO
FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/
Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/
Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar
YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() |
From »राजेश ध्यानी “सागर”वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं लेखकAddress »144, लूनिया मोहल्ला, देहरादून (उत्तराखण्ड) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : 9837734449Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|