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उत्तराखंड में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर कुंडली के माध्यम से तीखा व्यंग्य कसा है। भट्ट के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है, जबकि मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे और संगठनात्मक तैयारी पर भी चर्चा तेज है।
- महेंद्र भट्ट का तंज—हरक सिंह पार्टी दर पार्टी क्यों बदलते हैं, कारण उनकी कुंडली में
- भाजपा अध्यक्ष का कांग्रेस नेता हरक सिंह पर तीखा कटाक्ष
- उत्तराखंड में राजनीतिक बयानबाजी तेज, भट्ट ने कसा व्यंग्य
- भट्ट बोले—भाजपा में हरक सिंह को “जन्मपत्री” ही नहीं मिली
देहरादून। उत्तराखंड की सियासत इन दिनों बेहद गर्म है और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज होता जा रहा है। इस राजनीतिक वातावरण में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर तीखा कटाक्ष किया है। व्यंग्यात्मक अंदाज़ में भट्ट ने कहा कि हरक सिंह की कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष है और यही वजह है कि वे किसी भी राजनीतिक दल में लंबे समय तक टिक नहीं पाते। उनके इस तंज ने प्रदेश की राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है और सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इस बयान की खूब चर्चा है।
भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान भट्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आगामी जिलों में प्रस्तावित दौरों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संगठन मुख्यमंत्री के हर जिले में होने वाले दौरों को लेकर एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है। इसका उद्देश्य है कि मुख्यमंत्री सीधे जनता, कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से संवाद कर सकें, ताकि विकास कार्यों, जनहित के मुद्दों और समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि इस पूरी यात्रा कार्यक्रम की अंतिम कार्ययोजना एक-दो दिनों में पूरी कर ली जाएगी और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा भी की जाएगी।
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इसी बातचीत के दौरान जब एसआईआर के मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो महेंद्र भट्ट ने स्पष्ट किया कि भाजपा इस संवैधानिक प्रक्रिया में चुनाव आयोग के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि पार्टी हर स्तर पर आयोग को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में एक विस्तृत कार्ययोजना भी जल्द तैयार की जाएगी, जिससे प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।
बातों-बातों में जब हरक सिंह रावत के राजनीतिक उतार-चढ़ाव को लेकर सवाल हुआ, तो भट्ट ने तीखा व्यंग्य करते हुए कहा कि हरक सिंह दूसरों की हस्तरेखाएं पढ़ते रहते हैं, लेकिन अपनी कुंडली नहीं देख पाते। उनकी कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष है—इसी वजह से वे किसी भी राजनीतिक दल में टिक नहीं पाए। उन्होंने कहा कि हरक सिंह पहले सपा गए, फिर बसपा गए, लेकिन वहां भी उनकी “जन्मपत्री” नहीं मिली। भाजपा में उन्हें “जुड़ने का अवसर ही नहीं मिला” और अब कांग्रेस में वे कितने दिन रहेंगे, इसका भरोसा उन्हें खुद भी नहीं होगा।
भट्ट के इस बयान के बाद उत्तराखंड की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। लगातार बदलते राजनीतिक समीकरणों और चुनावी तैयारी के बीच यह बयानबाजी आने वाले दिनों में और गरमाहट ला सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस बयान को अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश करेंगी, जिससे सियासी मुकाबला और तीखा हो सकता है।





