
सवेरे जब भी उठे तब ईश्वर को धन्यवाद दे कि आज का दिन भी आराम से हंसते-हंसते निकाल दीजिए। हम इस धरती पर हैं तब तक तो प्रेम से रहे इस जीवन का कोई भरोसा नहीं कि कब इस दीपक की लौ बुझ जाये और हम यह नश्वर संसार छोड कर चले जाये। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)
[/box]रिश्तों में प्यार कम हो तो चल सकता हैं , लेकिन भरोसा कम नहीं होना चाहिए। रिश्तों में हम शब्द का होना नितांत आवश्यक है इसमें मैं मैं हूं व तुम तुम हो नहीं होना चाहिए। रिश्तें हमेशा मजबूत बने रहने चाहिए। जिंदगी में एंजोय भी करें और साथ ही साथ अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया जायें। चूंकि जिम्मेदारियों से भागना एक तरह की कायरता ही हैं। जो जिंदगी में बखूबी जिम्मेदारियों को निभाता हैं वही जीवन में सफलता की मंजिल को हासिल कर पाता हैं।
गलतियों को कभी भी न छिपायें : जीवन में गलतियां हर किसी से होती है। इसलिए कभी भी गलतियों को न छिपायें। अपितु उन्हें सुधारते हुए सबक लें। अपनी गलती कभी भी किसी दूसरे पर न थोपें। जो अपनी गलती को सुधारता हैं , वही तो जीवन में आगे बढ पाता हैं। कभी भी किसी का विश्वास व भरोसा न तोडे। चूंकि यहीं तो हमारी सबसे बडी पूंजी हैं।
सुन्दर गुलदस्ते की तरह : यह शरीर तो एक सुंदर गुलदस्ते की तरह महकते रहना चाहिए। जहां प्यार रूपी जल हो , ममता , स्नेह , धैर्य, सहनशीलता जैसी खाद हो , वात्सल्य जैसी हवा हो चिंतन मनन ( कभी धूप तो कभी छांव ) जैसी धूप हो फिर देखिए जीवन रूपी यह गुलदस्ता अपनी मधुर व भीनी भीनी खूश्बू कैसे सर्वत्र फैला कर रिश्तों की डोर को मजबूती से थामती हैं व सभी रिश्तों को प्रगाढ़ बनाती हैं। चाहे वे रिश्ते भाई बहन के हो , चाहे पिता पुत्र के हो , चाहे भाई भाई के हो , पति पत्नी के बीच के हो , मित्रों के संग हो , पडौसी के संग हो और अन्य समाज बंधुओं के संग भी क्यों न हो , उसमें सदैव मिठास ही नजर आयेगी। कडवाहट की कोई भी गुंजाइश नहीं रहेगी
जहां रिश्तों मे मिठास होती हैं वहीं तो रिश्ते मजबूती के संग आगे बढते हैं। रिश्तें जितने पुराने होते हैं , उतने ही वटवृक्ष की भांति मजबूत होते हैं। उनकी हर डाल में ( परिवार के सदस्यों में ) मजबूती और अपनापन होता हैं। प्रेम की डोर खभी भी टूटने न पायें। इस बात का पूरा ध्यान रखें। जहां प्रेम पनपता हैं वहीं रिश्तें पनपते हैं।
झूठ का सहारा न लें : जीवन में कभी भी झूठ का सहारा न लें। चूंकि एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पडते हैं। जो न्याय संगत बात नहीं है। झूठ झूठ ही होता हैं और सच सच ही होता हैं। इतना ही नहीं झूठ को कभी न कभी सामने आना ही पडता हैं। चूंकि सत्य के सामने झूठ कभी भी अधिक दिनों तक नहीं छिप सकता। इसलिए झूठ से सदैव बचे व सत्य के मार्ग पर चल कर जीवन को महकायें।
अंहकार गर्म अंगारे की भांति हैं : मेशा अपने से छोटों को आशीर्वाद देकर उनका सही मार्गदर्शन करें ताकि वे जीवन की सही राह से न भटके। जीवन में हर वक्त हंसते मुस्कुराते रहना चाहिए ताकि जीवन किसी भी प्रकार से बोझ न लगे जीवन में कभी भी अंहकार न करें। चूंकि अंहकार गर्म अंगारे की भांति होता हैं जो हमारे अमूल्य जीवन को जलाकर भस्म कर देता हैं। अतः घमंड व अंहकार से दूर रहे व उन्हें अपने पास भटकने तक न दें।
जीवन में मिलनसारिता रखें : जीवन तो ऐसा जिएं जहां सुख , शांति और समृद्धि हर वक्त बनी रहे। जीवन में मिलनसारिता रखें न कि गुंडागर्दी। मिलनसारिता से ही जीवन संवरता हैं और महकता हैं व इसकी महक दूर दूर तक महसूस की जा सकती हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि जीवन जीओं शान से और पानी पियें छान कर। अपना गुस्सा व क्रोध कभी भी किसी पर न उतारें। अपितु इन पर नियंत्रण रखें। जहां बात बात में क्रोध व गुस्सा आता है , वहीं विनाश व पतन आरंभ हो जाता हैं। अतः इससे बच कर रहें।
अपने वायदें पर गरे उतरे : खभी भी अपनी दोस्ती व अपना वायदा न तोडे। अपितु उन पर सदैव खरे उतरे। तभी इनकी नींव मजबूत होती चली जायेगी। फिर भले ही कोई उस मजबूत नींव पर या दीवार पर कितना भी भारी नफरत का हथौडा ही क्यों न मारे , वह नींव एवं दीवार कभी भी टूट नहीं पायेगी। चूंकि प्रेम व स्नेह में ईतनी ताकत होती है कि वे जितने पुराने होते हैं उतने ही मजबूत होते है। बस मजबूती को बनाए रखने की कला आनी चाहिए।
जैसे रोगी ठीक होने के लिए कडवी से कडवी दवा लेने को तैयार हो जाता है , ठीक उसी तरह से स्वस्थ और मस्त जीवन व्यतीत करने के लिए व्यक्ति को हर वक्त हंसते मुस्कुराते रहना चाहिए अपने जीवन की कमाई को भौतिक सुख सुविधाओं को पाने में ही बर्बाद नहीं करना चाहिए अपितु इसे परोपकार के कार्यों में लगाये , ताकि जीवन संवर सके और किसी जरूरतमंद के जीवन को संवारने में अपनी भागीदारी निभा सकें। यह तभी संभव हो सकता है जब हमारी सोच सकारात्मक होगी व हमारे मन में कुछ नया कर गुजरने की भावना हो।
आंसू अनमोल है : परमात्मा द्वारा दी गई इस जिंदगी को आराम से जिएं। हंसते-हंसते जिएं। कभी भी आंखों में आंसू न आये। इस बात का पूरा ध्यान रखें। चूंकि हमारी आंखों के आंसू भी अनमोल हैं। ईन्हें यूं ही न बहाएं दुःख सुख का क्या कहना। ये तो जीवन में हर रोज आते ही रहते हैं। आगर हम बात बात में आंसू बहाते रहेगे तो फिर इन अनमोल आंसुओं की कोई भी परवाह नहीं करेगा। ये अनमोल है और फिर इन्हें अनमोल ही रहने दीजिए।
कभी कोई कडवी बात कह भी दे तो उसे कढवी दवा समझ कर पी ले। उदास , हताश व निराश न हों। अन्यथा लोग हमें जीने नहीं देंगे। हम दिन में चाय क ई बार पीते है , मगर फिर भी उसका स्वाद हर बार अलग ही होता हैं , एक सा कभी नहीं ठीक उसी प्रकार जीवन हमेंशा एक सा नहीं रहता हैं जीवन में उतार चढ़ाव व कठिनाईयां आती ही रहती है।।
लेकिन जो इन्हें हंसते-हंसते पार कर लें वही महान कहलाता है। जीवन में सफलता हमेशा उसी को मिलती है जो विपरीत व कठिन परिस्थितियों में भी अपनी सूझबूझ से सही राह निकाल लेते हैं। अतः घबराकर नहीं वरन् बहादुरी , निर्भिकता , निडरता के साथ जीवन व्यतीत करें। सवेरे जब भी उठे तब ईश्वर को धन्यवाद दे कि आज का दिन भी आराम से हंसते-हंसते निकाल दीजिए। हम इस धरती पर हैं तब तक तो प्रेम से रहे इस जीवन का कोई भरोसा नहीं कि कब इस दीपक की लौ बुझ जाये और हम यह नश्वर संसार छोड कर चले जाये।
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