साहित्य लहर
लूट जारी आहे…

नवाब मंजूर
मध्य काल में…
आक्रान्ता विदेशी भारत का धन लूटे थे।
नाम प्रमुख था-
गजनवी बाबर खिलजी लोदी!
आधुनिक काल में…
देशी लुटेरे धन भारत का लूट रहे हैं।
प्रमुख नाम-
माल्या चौकसी अग्रवाल मोदी !
लुटेरे , आक्रान्ता एक जैसे होते हैं….!
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देशी विदेशी मायने नहीं रखता कोई
“लूटना” और ” भागना ” ही होता है सबका काम।
अतः कह सकते है-
लूट रहे हैं
लूटे थे
आगे भी लूटेंगे…
तब तक, जब तक …
मिलकर हम-सब इनको नहीं कूटेंगे!
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »मो. मंजूर आलम ‘नवाब मंजूरलेखक एवं कविAddress »सलेमपुर, छपरा (बिहार)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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