बिना अभिरुचि के जीवन बेकार
सुनील कुमार माथुर
शिक्षा के साथ ही साथ हमारे जीवन में हाॅबी का भी महत्वपूर्ण स्थान हैं । हमें शिक्षा के साथ ही साथ अपनी रूचि को भी निखारने का पूरा समय मिलना चाहिए अन्यथा हमारी रूचि समय के अभाव में यूं ही दम तोड देगी । समय मिलता नहीं है।
हर कार्य के लिए समय हमें ही निकालना पडता है ।बिना अभिरुचि के जीवन बेकार है । पहले ग्रीष्मकालीन अवकाश में अभिरुचि केन्द्र चला करते थे लेकिन आज एसी भी संस्थाएं है जो देश भर में अभिरुचि केन्द्र चलाने के लिए आॅनलाईन प्रशिक्षण दे रही है ।
बच्चे व महिलाएं अपनी रूचि एवं अभिरुचि को हाॅबी प्रशिक्षण शिविर में सृजनात्मक तरीके से आत्म विश्वास के साथ सीखकर अपनी जिन्दगी बेहतर बना सकती है । महिलाओं का सशक्तिकरण के बिना आर्थिकोपार्जन नहीं आ सकता ।
हाॅबी क्लासेज सृजनात्मकता और आत्मविश्वास की पाठशाला है । ऐसे शिविरों के माध्यम से महिलाएं एवं बच्चे अपनी हाॅबी को विकसित करते हुए उसे व्यवसायिक रूप देकर अपने परिवार के सपनों को साकार कर सकते हैं ।
शिविर में महिलाएं व बालिकाएं मेहन्दी, कशीदाकारी, साफ्ट टायज , स्केटिंग, आयॅल पोस्टर पेंटिंग, पेचवर्क ,डेकोरेटिव आइटम , सेल्फ डिफेन्स, आर्ट एण्ड काफ्ट , फोटोग्राफी, पत्रकारिता, सिलाई – बुनाई , बाईडिंग , मेहन्दी लगाना , कशीदाकारी, साफा बांधना, चित्रकारी , सौन्दर्य सामग्री बनाना , साज – सज्जा, साबुन , वाशिंग पाउडर बनाना , कम्प्यूटर शिक्षा, मांडना , पेकिंग, आचार बनाना , नाना प्रकार के व्यंजन बनाना , लकडी के खिलौने बनाना , बेकार की चीजों का कैसे इस्तेमाल करें, संगीत , नृत्य आदि कार्य सीखकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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