सम्पादक के नाम पत्र : वाह रे! मुख्यमंत्री वाह!!
सुनील कुमार माथुर
महोदय, 1 सितम्बर 2022 को समाचार पत्रों में यह पढकर बेहद आश्चर्य हुआ कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर शहर की सडकों के संबंध में एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को चेताया है कि अगर उन्हें जोधपुर में रहना हैं तो टूटी सडकों को सुधारना होगा । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह वक्तव्य बडा ही हास्यप्रद लगता है चूंकि बिना बजट सडकों का निर्माण कैसे होगा?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वंय जोधपुर के है और वे जोधपुर शहर की हर गली मौहल्ले से परिचित है । आज जोधपुर की सडकों पर चलने का अर्थ मौत को निमंत्रण देना ही कहा जा सकता हैं । हर दिन हो रही सडक दुर्घटनाएं इसका जीता जागता उदाहरण है।
गहलोत ने मात्र ऐसा बयान देकर जोधपुर की जनता को गुमराह ही किया हैं जबकि होना यह चाहिए था कि गहलोत तत्काल टूटी सडकों की मरम्मत के लिए पर्याप्त धनराशि जारी करके फिर ठेकेदारों व अधिकारियों को चेतावनी देते कि सडकों की गुणवता में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी तो ठीक लगता।
मात्र लुखी चेतावनी किस काम की । अब भी समय है कि सरकार सडकों की गुणवता को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में बजट जारी कर जोधपुर की जनता को आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं से बचावें न कि फिजूल की बयानबाजी कर अधिकारियों का मनोबल गिराये । समस्या तो समाधान चाहती है न कि दलगत राजनीति।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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