आओ हम सब मिलकर यह संकल्प लें
निक्की शर्मा रश्मि, मुम्बई
प्रकृति रंग बिरंगी है। हरियाली से धरती स्वर्ग से दिखाई देती है बस देखने वालों का नजरिया सही होना चाहिए। वसुंधरा खूबसूरत है तो इसे खूबसूरत ही रहने दो ना.. क्यों इसके श्रृंगार रूपी पेड़ पौधे को काटकर इसकी खूबसूरती और उपयोगिता को कम कर रहे ?
हमसे इनका नुकसान तो हो ही रहा है लेकिन हम मानव का ज्यादा नुकसान है। वातावरण बदलता परिवेश वृक्ष को काट काट कर ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही, गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही। धरती, जीव- जंतु, मानव सब की हालत खराब हो रही लेकिन वजह भी हम खुद मानव ही हैं।
रक्षक ही भक्षक बन बैठे हैं। प्रकृति धीरे-धीरे हमसे मुंह मोड़ रही है। ईश्वरीय देन का हम अपने हाथों से विनाश कर रहे हैं। वातावरण के दुष्परिणाम तो भुगतने ही होंगे वजह भी हम ही हैं। हर पेड़ कीमती है हमारी इस खूबसूरत धरा पर। शुद्ध हवा हमें इसी से मिलता है जो जीवन के लिए सबसे जरूरी है, फिर भी अपने जीवन पर ही कुल्हाड़ी लगातार चलाते आ रहे हैं।
बस भौतिकता की दौड़ में दौड़े चले जा रहे हैं। पेड़ भी पूजनीय है फिर इसे पूजने के बजाय काटने में ही क्यों विश्वास है। कथनी नहीं करनी में विश्वास रखो। बच्चों को शिक्षा देते हैं पेड़ पौधों की महत्ता समझाते हैं। बस दो – चार पेड़ पौधे लगाकर देखो सुकून मिलेगा और यह सिलसिला एक दूसरे को देख कर चलता रहेगा। एक कदम बढ़ा कर तो देखो।
आओ हम सब मिलकर यह संकल्प लें। संकल्प लें प्रकृति के हर रंग को संजो कर रखेंगे। संकल्प लें पेड़ पौधे लगाने और भेंट स्वरूप देने का।हम सब मिलकर धरा का एक बार फिर श्रृंगार करें।
…पेड़ है तो हम हैं…
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »निक्की शर्मा ‘रश्मि’लेखिका एवं कवयित्रीAddress »मीरा रोड, मुम्बई (महाराष्ट्र)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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