व्यर्थ की चिंता छोड दें और अपने सपने पूरे करें
सुनील कुमार माथुर
आज के वक्त में इंसान दूसरों की चिंता कर रहा है । दूसरे लोग क्या खा पी रहे है । कौन उनके यहां आ जा रहा है । क्या पहन रहे हैं । इनके पास इतना पैसा कहां से आया आदि – आदि । भला कोई आपसे पूछे कि आपको इससे क्या लेना – देना है । आप अपनी सोचे । व्यर्थ की चिंता छोड दें और अपने सपने पूरे करें । आप तो अपना कर्म करे । दूसरों की फटी में टांग न अडाये । यह दुनियां हैं जो ऐसे ही चलती रहेगी ।
हमारे बड़े बुजुर्गो का कहना हैं कि इस संसार में वही होता हैं जो ईश्वर को मंजूर होता है तो फिर हम व्यर्थ की चिंता क्यों करें । होनी को कोई भी नहीं टाल सकता वह तो होकर ही रहेगी । जीवन में उतार – चढाव तो आते ही रहते हैं । इसलिए कोई भी नया कार्य आरम्भ करने से पूर्व अपनी रणनीति बना लें ताकि बाद में दिक्कत न हो । वितीय प्रबंध हमेशा अपने हाथ में रखे ।
अतः व्यर्थ की चिंता छोड दें और अपने सपने पूरें करने में ध्यान दीजिए । व्यस्त जिंदगी में कुछ समय अपनों को भी दीजिए आप मन के साफ है , पर किसी को समझाने के लिए नम्रता से पेश आये । नम्र व्यवहार ही आपका श्रेष्ठ व्यक्तित्व, हैं जिसे हमेंशा बनाकर रखें ।
जीवन में कभी भी किसी की देखादेखी न करे अपितु अपने हुनर को दिखा कर समाज को कुछ नया दे । आपका नया कार्य ही आपको समाज में मान – सम्मान , पद – प्रतिष्ठा दिला सकता है । अगर किसी की देखादेखी की तो आपको नुकसान भी हो सकता हैं । हमेंशा नवीन तकनिक का लाभ उठायें और प्रगति की ओर बढे । कोई भी बडा व नया कार्य आरंभ करने से पूर्व अपने से बडों का आशीर्वाद अवश्य लें ।
अपने व्यवहार व आचरण को सामान्य बनायें रखें फिर देखिये सब आपके हो जायेगे । जैसा व्यवहार आप अपने प्रति दूसरों से चाहते हो वैसा ही व्यवहार आप दूसरों के साथ कीजिये । चूंकि ताली दोनों हाथों से बजती हैं । नवीन जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पूरा कीजियें । वही दूसरी ओर धन का उपयोग सतर्कता पूर्वक कीजियें ।
अगर आप ऐसा करते है तो आपके आत्मविश्वास में वृध्दि होगी और आप तनाव मुक्त होकर कार्य आसानी से संपादित कर पायेगें । कभी भी किसी दूसरों के मामलों में न पडें । अन्यथा नुकसान आपका ही होगा । समय के अनुसार चलना सीखे और बिना मांगे किसी को भी कोई भी राय न दे । अपितु समय रहते अपना कार्य समय पर करें । इसी में भलाई हैं । वही आपके नेक व्यवहार से लोग आपके प्रति आकर्षित होगे । बस आपका व्यवहार सबके प्रति समान रहना चाहिए।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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