आपके विचार

बेफ्रिक रहना सीखिए

बेफ्रिक रहना सीखिए, जीवन में जो बेफ्रिक रहना है, वहीं सर्वाधिक खुश रहना हैं। चूंकि वह जानता है कि जीवन में उतार चढाव आते ही रहते हैं। इसलिए परिस्थिति को समझते हुए हर समस्या का हल निकालना चाहिए। क्योंकि समय के साथ जो चलता है वहीं जीवन में आगे बढता हैं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

इस नश्वर संसार में हर कोई किसी न किसी की चिंता में खोया रहना हैं। हर वक्त चिंता करते रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।‌ जीवन में खुश रहने के लिए बेफ्रिक रहना सीखिए। चूंकि कभी भी जीवन में ऐसा समय नहीं आयेगा जब आपकी हर इच्छाएं पूरी हो जाये ‌। जब हम अपने आपकों समय के अनुसार ढालते जाते है या दूसरे शब्दों में कहे कि समय-समय पर अपने आपकों अपडेट करते जाये तो दुःख की घड़ी कभी भी पास में नहीं आयेगी।

जीवन में जो बेफ्रिक रहना है, वहीं सर्वाधिक खुश रहना हैं। चूंकि वह जानता है कि जीवन में उतार चढाव आते ही रहते हैं। इसलिए परिस्थिति को समझते हुए हर समस्या का हल निकालना चाहिए। क्योंकि समय के साथ जो चलता है वहीं जीवन में आगे बढता हैं। अतः हर समय कुछ न कुछ नया सीखते रहना चाहिए। आपका सीखा गया काम जरूरत पडने पर सार्थक सिद्ध होगा। चूंकि न जाने जीवन के अनुभवों की कब, कहां जरूरत पड़ जाये।

हमेंशा दिल में रहेगी : व्यक्ति को कभी भी खाली व निठल्ले की तरह नहीं बैठे रहना चाहिए अपितु हर पल कुछ नया करते रहना चाहिए। चूंकि जीवन का खूबसूरत समय कभी वापस नहीं आता है, लेकिन प्यारे लोगों के प्यारे रिश्ते और खोई हुई यादें हमेंशा दिल मे़ रहती हैं इसलिए रिश्तों को सम्भाल कर रखिए। वे कांच की तरह होते हैं और टूटने के बाद वे ऐसे बिखरते हैं कि फिर से उन्हें जोडा नहीं जा सकता, चूंकि वे चूर – चूर हो जाते हैं। इसलिए रिश्तों को सम्भाल कर रखिए और उनकी गरिमा को भी बनाए रखियेगा।

बिना मांगे सलाह : कभी भी किसी को बिना मांगे सलाह मत दीजिए अन्यथा आपकी सलाह का कोई मतलब नही रहेगा, चूंकि हमारे देश में मुफ्त की सलाह और मुफ्त में दी गई वस्तुओं की लोग कद्र नहीं करते हैं, क्योंकि उनकी नजर में बिना मांगी सलाह, साथ और समय देने पर अक्सर आम आदमी इनका मूल्य सस्ता ही लगा लेते हैं। जब वे किसी अधिवक्ता ( एडवोकेट ) से सलाह लेते हैं तब उन्हें फीस के रूप में मोटी रकम खर्च करनी पडती है। अतः लोग उनकी राय को मानते हैं और आप द्वारा मुफ्त में बिना मांगे दी गई उत्तम राय की भी लोग अनदेखी कर जाते है। इसलिए हर जगह बिना मांगे सलाह देना बंद कीजिए और अपनी साख को बट्टा लग ने से रोकें।

जीवन की महक : जिस तरह से पार्क में उगे पुष्प अपनी महक दूर – दूर तक फैलाकर वातावरण को तरोताजा रखते हैं, ठीक उसी प्रकार इंसान को भी अपने श्रेष्ठ कार्यों की महक जन – जन तक फैलाने का प्रयास करते रहना चाहिए। व्यक्ति को समाज सेवा, परोपकार, प्रेम, स्नेह, मिलनसारिता, धैर्य, वात्सल्य, त्याग, सहनशीलता, अहिंसा, नम्रता और विनम्रता से कार्य कर मानवीय मूल्यों को बनाए रखना चाहिए एवं फूलों की तरह अपने जीवन की महक को बनाये रखना चाहिए। तभी श्रेष्ठ जीवन व्यतीत करने में आनंद आता है अन्यथा यह जीवन बोझ बन जायेगा.

मन से जीने की आजादी


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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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