गलतियों से सीखें और उन्हें स्वीकार करें
गलतियों से सीखें और उन्हें स्वीकार करें, गलती मानने का अर्थ वास्तविकता को स्वीकार करना है। हमारी गलतियों से हमें अपनी कमियों और दुर्बलताओं को पहचानने का मौका मिलता है जिससे हम उन्हें सुधार सकते हैं। # पंकज प्रखर
अपनी गलती मान लेने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि गलती करना हर किसी के लिए सामान्य माना जाता है। परन्तु अपनी गलती को समझकर उसे मन से स्वीकार कर लेना बड़ी बात है। कई बार गलती होने पर भी हम उसे सही सिद्ध करने में अपनी ऊर्जा और बेतुके तर्क लगाने लगते हैं उससे बात बनती नहीं बल्कि और बिगड़ जाती है।
इसमें हानि ये होती है कि फिर विद्वान व्यक्ति जिससे आप कुछ सीख सकते थे वह फिर आपसे बहस नहीं करता और आपके बेतुके तर्कों पर मुस्कराकर शांत हो जाता है। जिससे आपको झूटी संतुष्टि मिलती है जो केवल आपके अहम और ज्ञानी होने के वहम को ही पुष्ट करती है।
हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और स्वयं को सुधारने का अवसर प्रदान करना चाहिए। जब हम अपनी गलती मानते हैं, तो हम अपने आप को एक समझदार व्यक्ति के रूप में सिद्ध करते हैं। यह हमारे व्यक्तित्व के विकास और सीखने की इच्छा शक्ति का महत्वपूर्ण अंग है।
गलती मानने का अर्थ वास्तविकता को स्वीकार करना है। हमारी गलतियों से हमें अपनी कमियों और दुर्बलताओं को पहचानने का मौका मिलता है जिससे हम उन्हें सुधार सकते हैं। इसके बाद हमें उचित कार्य करना चाहिए, जैसे कि समय रहते अपनी गलती के लिए माफी मांगना या गलती के कारण जो हानि हुई है उसे ठीक करना।
गलतियाँ एक अवसर होती हैं। अपने अन्दर के विवेक और मानवीयता को प्रकट करने का साथ ही कुछ नया सीखने का। यह हमें समय के साथ बेहतर और अनुभवी बनाती है। इसलिए हमें अपनी गलतियों को स्वीकारना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए ताकि हम आगे बढ़ सकें और समृद्ध जीवन जी सकें।
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