भरोसे के ‘कल्लू अंकल’ ने किया कत्ल : मूक-बधिर दंपती की बेटी से दुष्कर्म
छात्रा के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने घटना की जानकारी न तो परिजनों को दी और न ही पुलिस को बताया। वहीं, वैन स्कूल में खड़ी कराकर चालक को भगा दिया। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने शनिवार स्कूल पहुंचकर क्लास टीचर, प्रधानाचार्य और प्रबंधक के बयान दर्ज किए।
कानपुर। कानपुर के रावतपुर में छठवीं की छात्रा से वैन में दुष्कर्म की खबर ने उन अभिभावकों को सकते में डाल दिया है, जो बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने वाले वाहन चालकों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। दरअसल, स्कूल की वैन चलाने वाला चालक कल्लू बच्ची को छह साल की उम्र से स्कूल लाने-ले जाने का काम कर रहा था।
बच्ची चालक को ”कल्लू अंकल” कहकर बुलाती थी। चालक ने परिजनों के छह साल के भरोसे पर बुरी नजर डालकर उन्हें झकझोर दिया। चालक बच्ची को रोज सुबह 7:45 बजे घर से स्कूल ले जाता और दोपहर करीब 2:30 बजे घर छोड़ता था। मूक-बधिर दंपती और परिवार के अन्य सदस्य भी चालक पर अंख मूंदकर भरोसा करते थे।
परिजनों ने बताया कि कल्लू को परिवार का सदस्य मानते थे। दिवाली पर उसे मिठाई और बख्शीश भी दी। साथ ही बेटी का ध्यान रखने की मिन्नतें की थीं। उनके भरोसे का कत्ल होने के बाद परिजनों ने वैन चालक के साथ स्कूल प्रबंधन पर भी कठोर कार्रवाई की मांग की है। परिजनों का कहना है कि तबीयत खराब होने पर प्रबंधन उन्हें फोन पर जानकारी देता था, लेकिन शुक्रवार को बेटी के साथ इतनी बड़ी वारदात होने के बाद भी प्रबंधन ने इसे छिपाने का प्रयास किया।
परिजनों ने बताया कि शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन ने उनकी बेटी को किसी ने यह बात शेयर न करने की नसीहत दी थी। इसके चलते बेटी डरी सहमी वापस अपनी क्लास में बैठ गई। इस बीच उसके साथ पढ़ने वाली सहेली ने उसका हौसला बढ़ाया और घर जाकर परिजनों को पूरी बात बताने के लिए प्रेरित किया था। परिजनों को घटना का पता चला तो उन्होंने फोन कॉल पर स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की, लेकिन फोन नहीं उठा। प्रबंधक ने स्कूल बुलाकर फोन काट दिया। इसके बाद परिजनों ने थाने में शिकायत की।
परिजनों ने बताया कि कल्लू उनकी बड़ी बेटी के साथ ही छोटी बेटी व आस-पास के अन्य बच्चों को भी स्कूल ले जाता था। छोटी बेटी तीन दिनों से बीमार होने के कारण स्कूल नहीं जा रही थी। चालक को इसकी जानकारी थी। उसने बच्ची को घर से लिया और कुछ दूरी पर रहने वाले स्कूल के दूसरे बच्चे को लेने पहुंचा, जहां उस बच्चे के आने में देर होने पर चालक ने मौके का फायदा उठाते हुए वैन सुनसान गली में खड़ाकर वारदात को अंजाम दिया। परिजनों के अनुसार वैन चालक नशे में भी था। घटना से सहमे कई परिजनों ने शनिवार को अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा।
परिजनों के अनुसार बच्ची घर आई तो जोर-जोर से रोने लगी। पूछने पर उसने बताया कि उसे उठने-बैठने में काफी दर्द हो रहा है। तब परिजनों को सच्चाई मालूम हुई। वहीं, जब बच्ची से घटना की जानकारी उसकी नानी को हुई तो वह भी बीमार पड़ गईं। देर शाम बच्ची को प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया गया। वहीं, चालक का परिवार पीड़िता के परिजनों से उनके घर और थाने आकर माफी मांगता रहा।
छात्रा के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने घटना की जानकारी न तो परिजनों को दी और न ही पुलिस को बताया। वहीं, वैन स्कूल में खड़ी कराकर चालक को भगा दिया। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने शनिवार स्कूल पहुंचकर क्लास टीचर, प्रधानाचार्य और प्रबंधक के बयान दर्ज किए। छात्रा के एडमिशन के समय जमा किए गए दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं।
मूक-बधिर दंपती की 12 वर्षीय बेटी से स्कूल छोड़ने गए अधेड़ उम्र के वैन चालक ने सुनसान जगह वैन में दुष्कर्म किया। स्कूल पहुंची छात्रा ने क्लास टीचर, प्रधानाचार्या और स्कूल प्रबंधक से शिकायत की, लेकिन प्रबंधन मामला ही घोंट गया और छात्रा को भी चुप रहने की नसीहत देकर घर भिजवा दिया।
छात्रा ने परिजनों को आपबीती बताई, तब परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने वैन चालक, दो शिक्षिकाओं, प्रधानाचार्या व प्रबंधक समेत पांच के खिलाफ एफआईआर दर्जकर वैन चालक को गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी पश्चिम आकाश पटेल ने बताया कि छात्रा से दुष्कर्म करने वाले चालक समेत पांच के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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