साहित्य लहर
कबीरा तेरे संसार में

सुनील कुमार
कबीरा तेरे संसार में भांति-भांति के लोग
बाहर से कुछ और हैं भीतर से कुछ और।
मुंह पर अक्सर तारीफों के पुल बांधते लोग
स्वार्थ सिद्ध हो जाए तो दूर भागते लोग।
मनुष्य-मनुष्य में भेद नहीं कहते हैं लोग
ऊंच-नीच में मनुज को बांटते क्यों लोग।
बेटा-बेटी में भेद नही कहते सब लोग
कोख में बच्चियों को मारते क्यों लोग।
मां समान गंगा-यमुना को मानते हैं लोग
कूड़ा – कचरा इनमें क्यों पाटते हैं लोग।
जीवित रहने को प्राणवायु चाहते हैं लोग
हरे-भरे वृक्षों को क्यों काटते हैं लोग।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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