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भारतीय सैन्य अकादमी से पासआउट हुए सूडान के कैडेट ओसामा मोहम्मद इब्राहिम ने भारत और भारतीय सेना के सहयोग के लिए आभार जताते हुए इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया। अपने देश के कठिन हालात से भावुक होते हुए उन्होंने शांति की कामना की और भारत को सूडान का सच्चा मित्र बताया।
- उत्तराखंड की वादियों और अनुशासन को कभी नहीं भूल पाएंगे ओसामा
- भारत द्वारा दिया गया सैन्य प्रशिक्षण सच्ची दोस्ती का प्रतीक
- सूडान के हालात पर भावुक हुए युवा सैन्य अधिकारी
- आईएमए से प्रशिक्षित अफसर सूडान में बन रहे उम्मीद की किरण
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की भव्य पासिंग आउट परेड में इस बार मित्र राष्ट्र सूडान के युवा सैन्य अधिकारी ओसामा मोहम्मद इब्राहिम भी गर्व के साथ अफसर बनकर निकले। परेड के बाद ओसामा ने भारत और भारतीय सेना के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आईएमए में मिला प्रशिक्षण उनके पूरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उनके चेहरे पर अफसर बनने की खुशी स्पष्ट थी, लेकिन आंखों में अपने देश सूडान के मौजूदा हालात को लेकर चिंता और पीड़ा भी साफ झलक रही थी।
ओसामा ने कहा कि भारत और भारतीय सेना का अनुशासन, पेशेवर दृष्टिकोण और प्रशिक्षण स्तर अद्वितीय है। उन्होंने बताया कि आईएमए में मिला कठोर सैन्य प्रशिक्षण, नेतृत्व विकास और रणनीतिक सोच उन्हें न केवल एक बेहतर अधिकारी बनाता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करता है। उत्तराखंड की शांत वादियां, अनुशासित वातावरण और यहां की समृद्ध संस्कृति उनके दिल में हमेशा के लिए बस गई है, जिसे वह कभी भुला नहीं पाएंगे।
सूडान के युवा अधिकारी ने कहा कि भारत द्वारा सूडान के कैडेटों को सैन्य प्रशिक्षण देना केवल औपचारिक सहयोग नहीं, बल्कि सच्चे अर्थों में दोस्ती निभाने जैसा है। आईएमए से प्रशिक्षित अधिकारी आज सूडान की सेना में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं और अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। ओसामा ने विश्वास जताया कि भारत में सीखी गई सैन्य रणनीति और नेतृत्व क्षमता उनके देश के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
अपने देश के हालात पर बात करते हुए ओसामा भावुक हो गए। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि सूडान में जल्द शांति स्थापित हो और सामान्य जीवन बहाल हो सके। उन्होंने कहा कि सूडान भारत की ओर बड़ी उम्मीदों से देखता है और मौजूदा संकट के समय भारत का सहयोग उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2023 से सूडान में जारी आंतरिक संघर्ष ने देश को गंभीर मानवीय संकट में धकेल दिया है। लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं, आधे से अधिक आबादी गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रही है और स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो चुकी हैं। इस संघर्ष का असर सीमाओं तक फैल गया है, जिससे चाड, दक्षिण सूडान और मिस्र जैसे पड़ोसी देशों में शरणार्थी संकट और क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ी है।
ऐसे कठिन समय में भारतीय सैन्य अकादमी से प्रशिक्षित सूडानी अधिकारी अपने देश के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभर रहे हैं। आईएमए से हर वर्ष दो से चार सूडानी कैडेट अफसर बनकर अपने देश लौटते हैं, जो न केवल सेना में नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि स्थिरता, सुरक्षा और शांति की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ओसामा मोहम्मद इब्राहिम का मानना है कि भारत के साथ यह सैन्य सहयोग आने वाले समय में सूडान के भविष्य को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।





