उत्तराखण्ड समाचार

कुछ इस अंदाज में मुख्यमंत्री धामी ने बताया विकास का खाका

देहरादून | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने समान नागरिक संहिता (UCC) बनाकर संविधान सम्मत कार्य किया है। यह कानून किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं, बल्कि देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलना चाहते हैं, उन्हें कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, रोपवे, दून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे जैसी परियोजनाएं विकास की रफ्तार को दर्शाती हैं। आने वाले समय में दिल्ली से देहरादून का सफर ढाई घंटे में पूरा हो सकेगा। इसको ध्यान में रखते हुए रिस्पना-बिंदाल नदी पर 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क की योजना बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि राज्य की जनसंख्या 1.25 करोड़ है, लेकिन तीर्थ और पर्यटन के चलते यहां आठ करोड़ लोगों के आने की व्यवस्था करनी पड़ती है। हेमकुंड साहिब और केदारनाथ में रोपवे स्वीकृत हो चुके हैं, जिससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सर्दियों में उत्तराखंड में अच्छी धूप रहती है, जिसे पर्यटन की दृष्टि से उपयोग किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘घाम तापो पर्यटन’ को प्रोत्साहित करने पर बल दिया है।

आपदाओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक संवेदनशील राज्य है, लेकिन हमने राहत व बचाव के लिए बेहतर काम किया है। सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन इसका सफल उदाहरण है। हमने राज्य में ग्रॉस एनवायरमेंट प्रॉडक्ट (GEP) लागू किया है ताकि विकास और पारिस्थितिकी में संतुलन बना रहे। जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है, लेकिन पर्यावरणीय बाधाओं के कारण कई परियोजनाएं लंबित हैं। रूपसिया बगड़ परियोजना को हाल ही में स्वीकृति मिली है।

निवेश को लेकर मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में तीन लाख 54 हजार करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं, जिनमें से 90 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भू-कानून से निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि भूमि के दुरुपयोग को रोका गया है। समान नागरिक संहिता को लेकर उन्होंने कहा कि यह संविधान सम्मत निर्णय है और राज्य की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लागू किया गया है। यह सभी के लिए समान कानून है, किसी को लक्षित नहीं किया गया है।

अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग पहचान छिपाकर रहते हैं और डेमोग्राफी को बदलते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलनी चाहिए और पहचान छिपाने वालों पर निगरानी रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि की पहचान को बनाए रखा जाएगा और विकास के साथ सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा की जाएगी।


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