
देहरादून। रुड़की में अवैध सर्प विष संग्रहण केंद्र चलाने वाले मुख्य आरोपी से बरामद किए गए जहर की अब वैज्ञानिक जांच की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि यह विष किस सांप का है — कोबरा, वाइपर या किसी अन्य प्रजाति का। इसके लिए हरिद्वार वन प्रभाग ने भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) देहरादून के वैज्ञानिकों की मदद लेने का फैसला किया है। वन विभाग ने आरोपी के पास से आठ डिब्बों में भरा जहर बरामद किया था, जिसकी सटीक प्रकृति और मात्रा की जांच की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, सितंबर माह में रुड़की के ग्राम बिशनपुर में अवैध सर्प विष संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़ हुआ था। उस समय केंद्र का मुख्य संचालक फरार हो गया था, जिससे मामले को लेकर वन विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। बाद में वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी नितिन त्यागी को 19 अक्तूबर को गिरफ्तार कर लिया।
डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हाल ही में पकड़े गए मुख्य आरोपी से आठ डिब्बों में सर्प विष बरामद हुआ है, जो महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि विष को जांच के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान भेजा जाएगा ताकि इसकी वैज्ञानिक जांच से सटीक जानकारी मिल सके कि यह किस प्रजाति के सांप से संबंधित है और इसकी कितनी मात्रा है।
विभाग आरोपी के नेटवर्क की तहकीकात में भी जुट गया है। इसके लिए उसके बैंक लेनदेन और फोन कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी किन-किन लोगों के संपर्क में था और इस अवैध कारोबार से जुड़े अन्य लोगों तक कैसे पहुंचा जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई को मजबूती मिलेगी और सर्प विष के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।








