गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। दीपावली के बाद भाई दूज के दिन चमोली जिले में एक ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। गोपेश्वर-पोखरी मार्ग पर देवखाल के पास एक कार खाई में गिरकर आग की लपटों में घिर गई। हादसे में यूजेवीएनएल देहरादून में तैनात अधिशासी अभियंता (ईई), उनकी पत्नी और छोटे बेटे की मौत हो गई, जबकि बड़ा बेटा गंभीर रूप से झुलस गया है।
मायके से लौटते वक्त हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, पोखरी विकासखंड के ग्राम पंचायत विशाल के पाव गांव निवासी अरविंद त्रिपाठी (55) अपनी पत्नी अनीता त्रिपाठी (51) और दो बेटों अंबुज (24) व अनंत (21) के साथ दीपावली मनाने अपने ससुराल देवखाल आए थे। बृहस्पतिवार को परिवार अपनी कार से वापस घर लौट रहा था। घर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर कार अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। कार नीचे भदूड़ा गांव की लिंक रोड पर अटकने के बाद पलट गई और फिर उसमें भीषण आग लग गई।
पलभर में मची चीख-पुकार, कार बनी आग का गोला
गवाहों के अनुसार, कार गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और कुछ ही सेकंड में आग की लपटें चारों ओर फैल गईं। इस दौरान अरविंद त्रिपाठी और उनकी पत्नी कार से बाहर छिटक गए। मौके पर ही अरविंद त्रिपाठी की मौत हो गई, जबकि पत्नी अनीता गंभीर रूप से घायल हो गईं। दोनों बेटे कार के साथ नीचे गिरे — अंबुज किसी तरह बाहर निकल आया, लेकिन छोटा बेटा अनंत कार में फंस गया और वह आग की लपटों में जल गया।
ग्रामीणों ने पहुंचाई मदद, फिर भी नहीं बच सकी जान
देवखाल के ग्रामीणों को जब घटना की जानकारी मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे और झुलसे अंबुज व अनीता को निजी वाहन से जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया। वहीं, सूचना पर चमोली और पोखरी थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई। पुलिस और ग्रामीणों ने बड़ी मशक्कत के बाद कार तक पहुंच बनाई।
इलाज के दौरान तोड़ा दम
जिला अस्पताल में चिकित्सक डॉ. दीपक नेगी ने बताया कि अनीता त्रिपाठी की हालत बेहद गंभीर थी। उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं, झुलसे हुए अंबुज का इलाज जारी है और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
जला शव निकालने के लिए काटनी पड़ी कार
कार में फंसे छोटे बेटे अनंत त्रिपाठी का शव देर शाम तक अंदर ही फंसा रहा। आग बुझने के बाद भी वाहन इतना क्षतिग्रस्त था कि शव को बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ और पुलिस की टीम को कटर का इस्तेमाल करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने बताया कि खाई बेहद गहरी और संकरी थी, जिससे राहत कार्य में काफी दिक्कत आई।
पुलिस जांच जारी
चमोली कोतवाली के निरीक्षक अनुरोध व्यास ने बताया कि हादसे के कारणों का फिलहाल स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। प्रथम दृष्टया यह संभावना जताई जा रही है कि वाहन मोड़ पर अनियंत्रित होकर फिसल गया होगा। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
परिजनों में कोहराम
घटना की खबर मिलते ही गांव विशाल और देवखाल में मातम छा गया। दीपावली की खुशियां शोक में बदल गईं। ग्रामीणों का कहना है कि अरविंद त्रिपाठी न केवल एक कुशल इंजीनियर थे बल्कि बेहद मिलनसार और मददगार व्यक्ति थे। पूरे क्षेत्र में उनके निधन की खबर ने शोक की लहर फैला दी।





