मईनुदीन कोहरी “नाचीज बीकानेरी”
प्यारी-प्यारी सबसे न्यारी मेरी भाषा ।
हिंदी पर बिन्दी हिंदी प्यारी मेरी भाषा ।।
देश-विदेशों मे है जिसका गुणगान ।
सब से अच्छी सबसे प्यारी मेरी भाषा ।।
ज्ञान-विज्ञान का अखूट भण्डार है ये ।
इसलिए सब जन-जन पढते मेरी भाषा ।।
हिंदी पढेगा गर भारत का बच्चा-बच्चा।
सम्प्रेषण में भी उपयोगी होगी मेरी भाषा ।।
खेल-सिनेमा जगत ने जिसको अपनाया ।
एकता का पाठ हमें पढ़ाने वाली मेरी भाषा ।।
सब भाषाओं के संग जिसने मेल बिठाया ।
भाषायी-ज्ञान जन-जन तक लाई मेरी भाषा ।।
राष्ट्र-भाषा का मान-सम्मान जिसको मिला ।
देव नागरी लिपि जिसकी वो वैज्ञानिक भाषा ।।
सूफ़ी-संत-साहित्यकारों ने जिससे यश पाया ।
जाति, धर्म-पंथ सब के मुख शोभित मेरी भाषा ।।
सविंधान ने जिस भाषा को गौरवान्वित किया ।
हिंदी दिवस के रुप में जिसे मनाते वो मेरी भाषा ।।
अटल जी ने यू एन ओ में जिसका मान बढाया ।
हिंदी हैं हम वतन , हिंदी है प्यारी मेरी भाषा ।।