हिमांशी हत्याकांड: मुकुल ने पहली गोली पेट और दूसरी पीठ में मारी
हिमांशी हत्याकांड: मुकुल ने पहली गोली पेट और दूसरी पीठ में मारी… पुलिस ने बताया कि 22 बीघा जमीन बेचने के बाद कुछ पैसा तो हिमांशी व उसकी मां के खाते में आ गया था। ऊपर के लाखों रुपये भारतवीर व उसके बेटों ने रख लिए थे। उन्होंने हिमांशी के पैसे से ही खतौली में उसका मकान भी बनवाया। उसमें भी कमीशनबाजी की गई।
मुजफ्फरनगर। खतौली के गांव रसूलपुर कैलोरा में हिमांशी की हत्या उसके ममेरे भाई मुकुल ने अपने भाई अंकुश व पिता पूर्व प्रधान भारतवीर के ललकारने पर गोली मारकर की थी। भाई व पिता के कहने पर मुकुल अलमारी में रखा तमंचा निकाल कर लाया था। उसने शादी के लिए घर से जा रही हिमांशी के पेट में गोली मारी। वह नीचे गिरी तो दूसरी गोली उसकी पीठ में मारी गई। पुलिस ने आरोपी बाप-बेटे को पकड़ा है। अंकुश अभी फरार है।
एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता में हत्यारोपी भारतवीर व उसके बेटे मुकुल की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने घटना का खुलासा कर बताया कि आठ नवंबर को हिमांशी घर से स्कूटी पर जाने के लिए तैयार हो गई थी। उसके मामा भारतवीर व उसके दोनों बेटों अंकुश व मुकुल ने उसे रोका, लेकिन वह नहीं मानी। तब भारतवीर व अंकुश ने मुकुल को तमंचा लाने के लिए कहा। भारतवीर पूर्व प्रधान है। उसके राजनीतिक संबंधों की जानकारी जुटाई जा रही है। अंकुश की तलाश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि भारतवीर व उसके बेटे अंकुश व मुकुल हिमांशी की शादी तलाकशुदा विनीत से नहीं होने देना चाहते थे। इसलिए शादी का विरोध कर रहे थे। दूसरे हिमांशी उनसे अपने रुपये भी मांगती थी। इसी के चलते हत्या की गई। एसपी सिटी ने बताया कि हिमांशी की हत्या करने के बाद आरोपी घबराए नहीं, बल्कि उन्होंने खून से सने आंगन को साफ किया। महिलाओं ने भी घर में कोई घटना होने से इनकार कर दिया था। शव को कार में रखकर आरोपी ले जाने लगे थे। ग्रामीणों के देख लेने पर तीनों आरोपी कार को घर के पीछे से जाने वाले जंगल में दो सौ मीटर दूर चंद्रपाल की ट्यूबवेल के पास छोड़कर भाग गए थे।
घटना को लेकर गांव के लोग चुप हैं। कोई भी गवाही देने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए आरोपियों को सजा दिलाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सबूत एकत्र किए जा रहे हैं। कुछ सबूतों का प्रयोगशाला में परीक्षण भी कराया जाएगा। आरोपियों के फिंगर प्रिंट भी लिए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी मुकुल का कहना था कि उसने तमंचा खरीदा नहीं था। उसके चाचा अजय की कई साल पहले मौत हो गई थी। उसके चाचा के तीन कारतूस व तमंचा घर में रखा हुआ था। पुलिस ने एक जिंदा व दो खोखा कारतूस के साथ तमंचा रसूलपुर कैलोरा से खेडीकुरेश जाने वाले मार्ग पर सरकारी ट्यूबवेल के पास झाड़ियों से बरामद किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तमंचे से गोली मारने की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने बताया कि 22 बीघा जमीन बेचने के बाद कुछ पैसा तो हिमांशी व उसकी मां के खाते में आ गया था। ऊपर के लाखों रुपये भारतवीर व उसके बेटों ने रख लिए थे। उन्होंने हिमांशी के पैसे से ही खतौली में उसका मकान भी बनवाया। उसमें भी कमीशनबाजी की गई। पुलिस ने लगभग 70 लाख रुपये को लेकर विवाद होना बताया है। मेरठ के बहसूमा थाने के गांव मोहम्मदपुर शकिस्त निवासी हिमांशी के पिता अनिल चौधरी की दस साल पहले करंट से मौत हो गई थी।
18 महीने पहले ताऊ के परिवार से झगड़े के बाद वह मां कविता के साथ खतौली के गांव रसूलपुर कैलोरा में अपने मामा भारतवीर के घर आकर रहने लगी। ताऊ के परिवार से मुकदमा चल रहा है। उसने मेरठ के थाना बहसूमा के गांव सदरपुर निवासी विनीत से कोर्ट मैरिज कर ली थी। 12 नवंबर को वसुंधरा, गाजियाबाद में अरेंज मैरिज होनी थी। शादी के लिए ही घटना वाले दिन वह घर से जा रही थी। हत्या का मामला विनीत ने दर्ज कराया था।