हाई प्रोफाइल केस : कार में मिली अर्धनग्न लाशें…

नई दिल्ली। ये बात 1999 की है. बिहार की राजधानी पटना में रहती थी शिल्पी जैन. जो बहुत खूबसूरत और स्टाइलिश थी. वो मिस पटना भी थी. एक दिन वो रिक्शा में बैठकर अपने इंस्टिट्यूट जा रही थी, तभी उसे अपने बॉयफ्रेंड गौतम सिंह का एक दोस्त रास्ते में मिल गया.
उसने शिल्पी को इंस्टिट्यूट छोड़ देने की बात कही. चूंकि शिल्पी उस लड़के को गौतम की वजह से पहले से ही जानती थी, लिहाजा वो उसके साथ गाड़ी में सवार हो गई. लेकिन वो लड़का शिल्पी को इंस्टिट्यूट ले जाने की बजाय पटना के बाहरी इलाके में मौजूद फुलवारीशरीफ के वाल्मी गेस्ट हाउस ले गया. जब शिल्पी ने उस लड़के से वहां जाने की वजह पूछी तो उसने कहा कि गौतम भी वहीं पर मौजूद है. गौतम के वहां मौजूद होने की बात सुनकर शिल्पी शांत हो गई.
इसी दौरान शिल्पी के वहां पहुंचने की जानकारी गौतम सिंह को मिली, तो वह भी भागा-भागा वाल्मी गेस हाउस जा पहुंचा. क्योंकि गौतम जानता था कि वाल्मी गेस्ट हाउस की पहचान अय्याशी के अड्डे के रूप में होती है और वहां कई तरह के गलत काम होते हैं. गेस्ट हाउस के अंदर का मंजर देखकर गौतम के होश उड़ गए. वहां एक कमरे में कई लोग शिल्पी की अस्मत लूटने की कोशिश कर रहे थे. गौतम शिल्पी को बचाने की कोशिश करने लगा. दोनों मिलकर उन दरिंदों का विरोध करले लगे. लेकिन, उन वहशी लोगों के सामने उन दोनों की एक नहीं चली.
वो 3 जुलाई 1999 का दिन था. रात के 9 बजे थे. बिहार की राजधानी पटना में गांधी मैदान थाना इलाके में आने वाले एक बड़े बंगले में दो लाश मिलने की ख़बर पुलिस को मिली. सूचना मिलने के बाद पुलिस उस बंगले पर पहुंची तो गैराज में खड़ी एक मारुति कार से 23 साल की युवती और करीब 28 साल के युवक की लाशें बरामद हुई थीं. उनके बदन पर पूरे कपड़े नहीं थे. युवक की शिनाख्त गौतम सिंह के तौर पर हुई थी. वह एनआरआई डॉ. बीएन सिंह का बेटा था. उसे राजनीति करना पसंद था. यही वजह थी कि वो तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई और लालू यादव के साले साधु यादव का करीबी था.
जबकि युवती की पहचान पटना में रेडिमेड कपड़ों के शोरूम कमला स्टोर के मालिक उज्जवल कुमार जैन की बेटी शिल्पी जैन के रूप में हो गई थी. मौके पर पुलिस ने पाया कि गौतम के शरीर पर ऊपरी हिस्से में कोई कपड़ा नहीं था. जबकि शिल्पी के बदन पर सिर्फ एक टीशर्ट थी, वो भी गौतम की. जिस बंगले के परिसर में लाश समेत वो कार खड़ी मिली थी, वह गौतम का ही घर बताया जा रहा था. गौतम के पिता बाहर रहते थे. वो अकेले ही वहां रहता था. अब सवाल यह था कि दोनों ने आत्महत्या की थी या वे दोनों किसी बड़ी साजिश का शिकार हुए थे. इसी बात को लेकर देर रात तक पटना पुलिस के आला अधिकारी मगजमारी करते रहे. लेकन जैसे-जैसे प्रारंभिक जांच आगे बढ़ी तो इस मामले के तार तत्कालीन सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं से जुड़ने लगे थे.
यही वजह थी कि पहली नजर में पुलिस ने इसे प्रेमी-प्रेमिका की आत्महत्या से ज्यादा कुछ नहीं माना. पुलिस अधिकारी अभी इस मामले की पहली तफ्तीश कर चैन की सांस भी नहीं ले पाए थे कि इस वारदात को लेकर चौतरफा शोरगुल शुरू होने लगा. मौके पर मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का भाई साधु यादव भी पहुंच गया था. यह मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से तूल पकड़ रहा था. लिहाजा पुलिस ने फौरन दोनों लाशों को कार से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था. हालांकि गौतम का परिवार उस वक्त विदेश में था. यही नहीं पुलिस उस कार को ड्राइव करके थाने ले गई जिसमें लाशें मिली थी. इसकी वजह से उसमें मौजूद अधिकतर फिंगरप्रिंट भी मिट गए थे. पुलिस इस मामले में इतनी तेजी दिखा रही थी कि बिना पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के ही उसने इस वारदात को खुदकुशी का मामला करार दे दिया था.
लाशें और अधिकतर सबूत पुलिस ने खुद ही खत्म कर दिए थे. लेकिन जब शिल्पी और गौतम की पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आईं, तो इस मामले से जुड़े सभी पुलिसवालों के होश फाख्ता हो गए. क्योंकि उन दोनों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट उनके साथ की गई दरिंदगी की गवाही दे रही थी और पुलिस के तमाम दावों को झूठला रही थी. रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि शिल्पी जैन के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. उसके कपड़ों पर वीर्य के जो दाग थे, वे एक से ज्यादा लोगों के थे. उन दोनों के जिस्म पर खरोंचे जाने और जूतों से पीटे जाने के निशान भी मिले थे.
ये वो सारे सवाल हैं, जिनका जवाब अगर तलाश किया जाए तो पता चल सकता है कि आखिर शिल्पी जैन और गौतम सिंह की मौत का सच क्या था. फिलहाल, 2006 के बाद ना तो किसी ने इस केस की बात की और ना ही ये मामला किसी ज़बान पर आया. अब ये कहानी सिर्फ एक खुदकुशी का मामला बनकर पुलिस और सीबीआई की फाइल में दम तोड़ चुकी है. सावधान रहें, सुरक्षित रहें- हमारा मकसद क्राइम कथा के जरिए आपको इस तरह के संगीन जुर्म और अपराधियों से सचेत करना है, जो आपके आस-पास रहकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं. लिहाजा, आप सर्तक रहें सावधान रहें. तभी आप खुद को और अपने अपनों को जुर्म से महफूज रख सकते हैं.