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अपराध

भाई पर लाखों फूंक दिए, इसलिए मार डाला

भाई पर लाखों फूंक दिए, इसलिए मार डाला, एसीपी बाबूपुरवा संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले कबूतरबाज शेरशाह ने बताया था कि उसने करीब साढ़े छह बजे गोली चलने की आवाज सुनी थी। वहीं, आरजू सुबह ही छत से नीचे उतरा और घर से चला गया।

कानपुर। कानपुर के परमपुरवा निवासी अदनान की हत्या करने वाले बड़े भाई आरजू को पुलिस ने बारह घंटे के भीतर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसने बताया कि अदनान के इलाज पर सारा पैसा खर्च हो रहा था, इसलिए मार डाला। डीसीपी दक्षिण रवींद्र कुमार के अनुसार, आरोपी ने बताया कि अदनान की अक्सर तबीयत खराब रहती थी।

उसके इलाज में पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा था। पिता दलेलपुरवा के तांत्रिक के चक्कर में पड़ गए और लाखों रुपये फूंक दिए। उसका दावा था कि इसके बावजूद अदनान में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इसी बीच वह जब इलाज के लिए पैसे खर्च करने से मना करता तो घरवाले नहीं सुनते थे। इसी वजह से उसने छोटे भाई को गोली मार दी।

हालांकि परिवार का दावा है कि बीमारी की बात करीब चार साल पुरानी है। इसके बाद वह ठीक भी हो गया और एक मेडिकल स्टोर पर काम भी करने लगा। अदनान छोटा होकर भी समझदार था और घर में उसकी सुनी जाती थी, जबकि आरजू की कोई नहीं सुनता था। इस वजह से उसने गोली मार कर अपने ही भाई की हत्या कर दी।

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डीसीपी ने बताया कि पिता अजमत को दललेपुरवा निवासी तांत्रिक इमरान ने अदनान पर ऊपरी साया बताया था। झांसे में आकर पिता ने करीब 3.50 लाख रुपये तांत्रिक पर खर्च किए। आरजू ने बताया था कि अदनान की खराब तबीयत के कारण पिता व्यापार पर ध्यान नही दे पा रहे थे, जिससे घर की स्थिति खराब हो रही थी।

डीसीपी ने बताया कि हत्यारोपी साल 2021 में लखीमपुर खीरी में स्थित एक प्लांट में काम करता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात प्लांट में गिट्टी डालने वाले एक ट्रक ड्राइवर से हुई, जिससे उसने साढ़े सात हजार रुपये में तमंचा व दो कारतूस खरीद लिए। पिछले दो साल से तमंचा वह अपने पास रखे था।



डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने बताया कि लोगों का कहना था कि अदनान मानसिक रूप से कमजोर था, उसका इलाज कराया जा रहा था। वहीं, परिवार के अन्य लोगों का कहना था कि कई कारणों को लेकर घर में आए दिन कलह भी होती थी। इसी वजह से बड़े भाई ने छोटे भाई को मार डाला।



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अजमत ने बताया कि अदनान इंटर की परीक्षा पास करने के बाद बीफार्मा की तैयारी कर रहा था। जूही नहरिया स्थित एक मेडिकल स्टोर में काम भी सीख रहा था। वहीं, आरजू कई साल पहले तक एक डॉक्टर के क्लीनिक पर काम करता था। हालांकि हाल में वह भाजपा के एक नेता से जुड़ गया था।



परमपुरवा पुलिस चौकी के पास जामा मस्जिद वाली रोड पर रहने वाले अजमत खान पत्नी किस्मतुन निशा और चार बेटे आरजू, इरफान, फैसल और अदनान के साथ रहते हैं। अजमत ने बताया कि सोमवार रात को दोनों बेटे आरजू और अदनान (20) छत पर सो रहे थे। सुबह जब अदनान उतरकर नीचे नहीं आया।



तब किस्मतुन निशा उसे उठाने गई, तो खून से लथपथ देखा। अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। एसीपी बाबूपुरवा संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले कबूतरबाज शेरशाह ने बताया था कि उसने करीब साढ़े छह बजे गोली चलने की आवाज सुनी थी। वहीं, आरजू सुबह ही छत से नीचे उतरा और घर से चला गया।


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भाई पर लाखों फूंक दिए, इसलिए मार डाला, एसीपी बाबूपुरवा संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले कबूतरबाज शेरशाह ने बताया था कि उसने करीब साढ़े छह बजे गोली चलने की आवाज सुनी थी। वहीं, आरजू सुबह ही छत से नीचे उतरा और घर से चला गया।

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