
देहरादून | केंद्र सरकार द्वारा दो महीने पहले लिए गए निर्णय का बड़ा प्रभाव अब प्रदेश के लाखों लोगों को मिल रहा है। बचत उत्सव के तहत पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) और ग्रामीण पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (RPLI) पर लगने वाला जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, जिसके बाद उत्तराखंड के करीब दो लाख खाताधारक जीएसटी के दायरे से बाहर हो गए हैं। यह बदलाव न सिर्फ प्रीमियम भुगतान को सस्ता बना रहा है, बल्कि पॉलिसीधारकों को प्रत्यक्ष आर्थिक राहत भी दे रहा है।
प्रदेशभर के डाकघरों में PLI के लगभग 59 हजार और RPLI के 1.48 लाख से अधिक खाताधारक हैं। पहले PLI या RPLI की किसी भी पॉलिसी का प्रीमियम जमा करते समय खाताधारकों को 4.5 प्रतिशत प्रीमियम टैक्स देना होता था। इसके अलावा, पॉलिसी के नवीनीकरण पर 2.25 प्रतिशत जीएसटी भी चुकाना पड़ता था। यह अतिरिक्त राशि कई पॉलिसीधारकों के लिए बोझ बनती जा रही थी।
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सितंबर में सरकार द्वारा यह टैक्स पूरी तरह समाप्त किए जाने के बाद से पॉलिसीधारकों को सीधा लाभ मिल रहा है क्योंकि अब उन्हें प्रीमियम भुगतान में कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना पड़ता। इससे लोगों में डाकघर की बीमा योजनाओं के प्रति विश्वास और रुझान भी बढ़ रहा है।
कार्यालयों में मिली जानकारी के अनुसार, टैक्स हटने के बाद प्रीमियम समय पर जमा कराने वाले ग्राहकों की संख्या में भी सुधार देखा गया है। कई लोग अब अपने पॉलिसी प्रीमियम को नियमित करने के लिए आगे आ रहे हैं, जबकि नए खाताधारकों के जुड़ने में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
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डाक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी हटने से आमजन को राहत तो मिली ही है, साथ ही PLI और RPLI जैसी सरकारी बीमा योजनाओं की पहुंच और भी मजबूत होगी।





