मतदान लोकतंत्र का महापर्व
मतदान लोकतंत्र का महापर्व, जब एक व्यक्ति एक पद का नियम है तो फिर एक स्थान से अधिक स्थानों से चुनाव लडने का नियम ही गलत है। सरकार को सख्ती के साथ एक से अधिक स्थानों से चुनाव लडने पर रोक लगानी चाहिए। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
इस समय देश में लोकतंत्र का महापर्व बडे ही आनन्द और उमंग के साथ मनाया जा रहा है जिसका परिणाम 4 जून को आयेगा। इस महापर्व में कौन जीतता है और कौन हारता है।
यह वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना निश्चित है कि मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें और योग्य, ईमानदार, नेक व सेवाभावी लोगों को ही मतदान करें अन्यथा पूरे पांच साल आपको ही पछताना पड़ेगा। पार्टी कोई भी क्यों न हो लेकिन उम्मीदवार योग्य होना चाहिए।
अपनी हार के डर से लोग दो दो स्थानों से फार्म भरने लगे है जो कदापि उचित नहीं है। एक व्यक्ति का एक स्थान से चुनाव लडने का नियम होना चाहिए। अगर वह व्यक्ति काबिल हैं तो एक स्थान से ही चुनाव जीत जायेगा।
जब एक व्यक्ति एक पद का नियम है तो फिर एक स्थान से अधिक स्थानों से चुनाव लडने का नियम ही गलत है। सरकार को सख्ती के साथ एक से अधिक स्थानों से चुनाव लडने पर रोक लगानी चाहिए। लोकतंत्र में सभी को चुनाव लडने का मौका मिलना चाहिए।
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