
🌟🌟🌟
गोवा के अरपोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में 25 लोगों की मौत के बाद मालिक सौरभ और गौरव लूथरा के खिलाफ इंटरपोल ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दोनों हादसे के कुछ घंटों बाद ही फुकेत भाग गए, जबकि अब तक प्रबंधन से जुड़े पांच लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
- गोवा नाइटक्लब त्रासदी: सुरक्षा चूक और अवैध निर्माण पर बड़ा खुलासा
- इंटरपोल की मदद से लूथरा बंधुओं की खोज, पुलिस ने दिल्ली में छापेमारी तेज की
- पांच गिरफ्तार, दो मालिक विदेश में—नाइटक्लब आग में 25 मौतों की जांच जारी
- पटाखों से लगी आग? शुरुआती जांच में मिली कई अनियमितताएं
नई दिल्ली। गोवा के अरपोरा गाँव में शनिवार देर रात हुए भीषण नाइटक्लब अग्निकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया है। बर्च बाय रोमियो लेन नामक इस लोकप्रिय पार्टी स्थल में लगी आग में कुल 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें क्लब के कई कर्मचारी और पांच विदेशी पर्यटक शामिल थे। हादसे के तुरंत बाद नाइटक्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा देश छोड़कर भाग गए। पुलिस के अनुसार, दोनों 7 दिसंबर की सुबह 5:30 बजे इंडिगो एयरलाइंस की उड़ान से फुकेत के लिए रवाना हुए। यह पलायन घटना के कुछ ही घंटों के भीतर हुआ, जिससे संदेह और गहरा गया और पुलिस को इंटरपोल की मदद लेने तक की स्थिति आ गई।
गोवा पुलिस ने अब दोनों मालिकों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है और उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके समानांतर, पुलिस ने लूथरा बंधुओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस पहले ही जारी कर दिया था। जांच आगे बढ़ाने के लिए पुलिस टीम दिल्ली के जीटीबी नगर स्थित उनके आवास पर भी पहुँची, लेकिन घर लॉक मिला। इसके अलावा, छापेमारी उनके कथित करीबी सहयोगी अजय गुप्ता की तलाश में भी जारी है, जिसके भी फरार होने की आशंका है।
Government Advertisement
हादसे के बाद अब तक क्लब प्रबंधन से जुड़े पांच लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें मुख्य महाप्रबंधक राजीव मोदक, महाप्रबंधक विवेक सिंह, बार मैनेजर राजीव सिंघानिया, गेट मैनेजर रियांशु ठाकुर के साथ-साथ दिल्ली से पकड़े गए ऑपरेशंस स्टाफ भरत कोहली शामिल हैं। पुलिस ने भरत कोहली की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड भी प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, गोवा पुलिस की टीमें दिल्ली स्थित लूथरा बंधुओं के निवास पर गईं और परिवार से विस्तृत पूछताछ की।
अग्निकांड के कारणों को लेकर प्रारंभिक जांच में कई गंभीर चूक और अनियमितताएं सामने आई हैं। जांच दल का मानना है कि क्लब में अवैध रूप से चल रहे पटाखों से आग लगी हो सकती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नाइटक्लब के पास अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था और कई लाइसेंस बिना उचित दस्तावेज और अनुमति के जारी किए गए थे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतना भीड़भाड़ वाला क्लब बिना सुरक्षा प्रोटोकॉल के कैसे संचालित हो रहा था। इस घटना ने राज्य में चल रहे अवैध नाइटक्लब संचालन और सुरक्षा नियमों के पालन में भारी खामियों को उजागर कर दिया है।
गोवा सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी है। अवर सचिव गृह मंथन मनोज नाइक ने उत्तरी गोवा के जिला कलेक्टर अंकित यादव की अध्यक्षता में यह टीम गठित करने का आदेश जारी किया। समिति आग लगने के कारण, सुरक्षा मानकों के उल्लंघन, लाइसेंस प्रक्रिया और सभी जिम्मेदार लोगों की भूमिका की जांच करेगी। पुलिस टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी और पूरे नेटवर्क की छानबीन में लगी हैं क्योंकि इस मामले ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोली है बल्कि यह भी बता दिया है कि कैसे व्यावसायिक लाभ के लिए मानव जीवन से खिलवाड़ किया जाता है।
लूथरा बंधुओं का विदेश भाग जाना इस मामले में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है और इंटरपोल की मदद से उनकी गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है। जांच की दिशा में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस त्रासदी में न्याय दिलाने और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित व्यक्तियों का न्यायिक प्रक्रिया में शामिल होना आवश्यक है। गोवा की इस भयावह घटना ने सुरक्षा नियमन, प्रशासनिक निगरानी और नाइटलाइफ़ उद्योग के संचालन पर व्यापक बहस छेड़ दी है, जिसके दूरगामी असर देखने को मिल सकते हैं।








